रौशनी फिर लौट आएगी

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कभी-कभी ज़िन्दगी इतनी चुपचाप टूटती है कि हमें आवाज़ भी नहीं आती।पर फिर, किसी सुबह, कोई छोटी सी उम्मीद हमें याद दिला देती है —“रौशनी फिर लौट आएगी।”---1. टूटी हुई सुबहअनन्या ने आईने में खुद को देखा — सूजी हुई आँखें, उलझे बाल, और बेजान चेहरा।उसने धीरे से कहा — “मुझे अब कुछ अच्छा नहीं लगता।”वो दिल्ली की एक बड़ी कंपनी में ग्राफिक डिजाइनर थी।चार साल की मेहनत के बाद, प्रमोशन मिला था।पर उसी दिन उसके बॉस ने कहा —“तुम्हारा प्रोजेक्ट दूसरे को दे रहे हैं। क्लाइंट को उसका काम ज़्यादा पसंद आया।”अनन्या को लगा जैसे किसी ने उसके सपनों