एक बार की बात है, एक हरे–भरे जंगल में एक छोटा-सा खरगोश रहता था। उसका नाम था शेरू। शेरू पूरा दिन उछल-कूद करता, पेड़ों के पीछे छुपता, तितलियों का पीछा करता और अपने दोस्तों को हँसाता-हँसाता खूब शरारतें करता था। उसकी प्यारी-सी नन्ही आँखें हमेशा नई खोज में चमकती रहती थीं। शेरू दिल का बुरा नहीं था, बस थोड़ा ज़्यादा ही शरारती था।एक दिन वह खेलते-खेलते जंगल के उस हिस्से में पहुँच गया जहाँ वह पहले कभी नहीं गया था। वहाँ हल्की-सी सुनहरी रोशनी चमक रही थी, जैसे कोई सूरज की किरणें पकड़कर नीचे लटका रहा हो। जिज्ञासा में शेरू