शहर की शाम को और भी खूबसूरत बना रही थी।भीगी सड़कों पर स्ट्रीटलाइट्स की रोशनी मोतियों की तरह चमक रही थी।अनुष्का बस स्टॉप पर खड़ी थी—एक हाथ में ऑफिस की फाइलें,दूसरे हाथ में गर्म चाय का कप।आज उसका जन्मदिन था…लेकिन दिल में खुशियों की जगह खालीपन भरा था।क्योंकि आज से दो साल पहले,इसी दिन उसकी ज़िंदगी में आया था Raj—और आज वही उसके पास नहीं था।---दूसरी ओर…Raj अपनी कार में बैठा बाहर की बारिश देख रहा था।कांच पर बहती बूंदों को देखते-देखतेउसके मन में अनुष्का की यादें किसी फिल्म की तरह चल रही थीं।उसकी हंसी…उस