पहली नज़र की चुप्पी - 6

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कभी-कभी ज़िंदगी हमें वहीं ले आती है जहाँ से हमने चलना बंद कर दिया था।कुछ चेहरे, कुछ यादें, कुछ रास्ते — जो पीछे छूट गए लगते हैं,वो किसी अनजाने मोड़ पर फिर सामने खड़े मिलते हैं।Aarav ने कभी नहीं सोचा था कि उसे Prakhra से दोबारा मुलाकात होगी।वो तो अब आगे बढ़ चुका था,या कम से कम वो यही सोचता था।पर ज़िंदगी… उसे बार-बार आज़माती थी।उस दिन कॉलेज में एक seminar था — “Communication and Emotions in Modern Era”Aarav वहाँ अपनी project team के साथ गया था, formal clothes में, हाथ में files और laptop लेकर।उसके चेहरे पर वही calm