ट्रिपलेट्स भाग 3

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ट्रिपलेट्स भाग 3लेखक राज फुलवरेअध्याय 6 : जब आईने आमने-सामने आएभाग 1 : सुनसान फैक्ट्री — टकराव की जगहशहर के बाहरी इलाके में एक पुरानी बंद फैक्ट्री थी।टूटी हुई खिड़कियाँ, जंग लगे गेट, और हर तरफ़ सन्नाटा।रात गहरी थी।हवा में नमी और डर मिला हुआ था।अमर और प्रेम फैक्ट्री के अंदर दाख़िल हुए।हाथों में सिर्फ़ हिम्मत थी।प्रेम ने धीमे स्वर में कहा—“यहीं बताया था रानू ने… यही जगह है।”अमर ने चारों ओर देखा।“बहुत शांति है… ज़रूरत से ज़्यादा।”अचानक—तालियों की आवाज़ गूँजी।“वाह… अपनी ही शक्ल से डर रहे हो?”आवाज़ सामने से आई।धुएँ के बीच से एक आदमी बाहर आया।कद, चेहरा, चाल—सब