उस रात की गंध

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कहानी उस रात की गंध धीरेन्द्र अस्थाना लड़की मेरी आंखों में किसी अश्लील इच्छा की तरह नाच रही थी। ‘पेट्रोल भरवा लें।‘ कह कर कमल ने अपनी लाल मारुति जुहू बीच जाने वाली सड़क के किनारे बने पेट्रोल पंप पर रोक दी थी और दरवाजा खोल कर बाहर उतर गया था। शहर में अभी—अभी दाखिल हुए किसी अजनबी के कौतुहल की तरह मेरी नजरें सड़क पर थिर थीं कि उन नजरों में एक टैक्सी उभर आई। टैक्सी का पिछला दरवाजा खुला और वह लड़की बाहर निकली। उसने बिल चुकाया और पर्स बंद किया। टैक्सी आगे बढ़ गई। लड़की पीछे रह