Ek prajati huaa karati thi Jaat

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एक प्रजाति हुआ करती थी—जाट ‘‘प्रेम को फांसी दे दो।'' ‘‘प्रेम करने वालों को फांसी दे दो।'' ‘‘संदीप मील को भी फांसी दे दो।'' ‘‘संदीप मील को फांसी क्यों ?'' ‘‘क्योंकि वह जाट है।'' ‘‘जाट तो हम भी हैं'' ‘‘लेकिन वह जाट होकर प्रेम करता है, इसलिए उसे फांसी दे दो।'' ‘‘खाप पंचायत के हुक्म के मुताबिक प्रेम को फांसी दे दी गई है।'' ‘‘प्रेम करने वालों को भी फांसी दे दी गई है।'' ‘‘संदीप मील का क्या हुआ ?'' ‘‘वह बिल में घुस गया है।'' ‘‘बाहर निकालो उसे।'' ‘‘वह बाहर निकल ही नहीं रहा है।'' ‘‘बिल पर खाप पंचायत