सिर्फ़ तेरे लिए ...गज़लों में हूँ मैं

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कुछ अल्फ़ाज दिल से निकल कर पन्नों पर बिखर गए और जब समेटने चली तो गज़ल बन गए और अक़्स कुछ तुझ सा ले लिया ☺