कभी कभी हम मजाक में किसी को भांग खिला देते हैं, या फिर किसी से बड़ी मजाक कर देते है. लेकिन वही मजाक जब विकराल रूप धारण कर लेट है तो हमारे हाथ पैर फूल जाते हैं. कुछ का कुछ समझा जाता है. साथ ही जब वो परेशानी दूर होती है तो हम ऐसा कभी न करने की कसम भी खा लेते है.