गुजराती-हिंदी भाषाई नोंक-झोंक

(18)
  • 29.1k
  • 1
  • 7.1k

सन १९८०-८१ में हम जयपुर राजस्थान से अहमदाबाद गुजरात में आए। मेरे पति होटल लाइन में थे और उनका जयपुर रामबाग़ पेलेस होटेल से स्थान्तरण कामा होटेल अहमदाबाद में होगया था, पहले यह दोनों प्रॉपर्टी ताज होटल्स के साथ थीं। हमें होटेल के पास ही बोरसली अपार्टमेंट में रहने को फ्लेट दिया गया। इस फ़्लोर पर चार फ्लेट थे। हम गुजराती भाषा और यहाँ के तौर तरीक़े से बिलकुल भी परिचित नहीं थे,सो शुरू शुरू में थोड़ी बहुत खट्टी मीठी दिक़्क़तें आती रहती थीं, पर आसपास के लोग काफ़ी मददगार थे, भाषा पूरी तरह न

New Episodes : : Every Thursday

1

हिंदी-गुजराती भाषाई नोंक-झोंक

सन १९८०-८१ में हम जयपुर राजस्थान से अहमदाबाद गुजरात में आए। मेरे पति होटल लाइन में थे और जयपुर रामबाग़ पेलेस होटेल से स्थान्तरण कामा होटेल अहमदाबाद में होगया था, पहले यह दोनों प्रॉपर्टी ताज होटल्स के साथ थीं। हमें होटेल के पास ही बोरसली अपार्टमेंट में रहने को फ्लेट दिया गया। इस फ़्लोर पर चार फ्लेट थे। हम गुजराती भाषा और यहाँ के तौर तरीक़े से बिलकुल भी परिचित नहीं थे,सो शुरू शुरू में थोड़ी बहुत खट्टी मीठी दिक़्क़तें आती रहती थीं, पर आसपास के लोग काफ़ी मददगार थे, भाषा पूरी तरह न ...Read More

2

गुजराती-हिन्दी की भाषाई नोंक झोंक  - 2

गुजराती -हिन्दी की भाषाई नोंक झोंक संस्मरण-2 हमारे भारत की भाषाओं की यह बड़ी विशेषता है कि वे अलग अलग होते हुए भी मूल से जुड़ी रहतीं हैं. एक वृक्ष की अनेक शाखाओं की भांति. अस्तित्व अलग होते हुए भी आत्मा सभी में एक है. गुजराती भाषा भी कुछ ऐसी ही है. इसकी लिपि भी बहुत कुछ हिंदी से ही मिलती जुलती है. इसे हम हिंदी की बड़ी बहिन कह सकते हैं. यह एक प्राचीन भाषा है, जिसमें अद्भुत साहित्य रचा गया है जो कालांतर में हिंदी में अनुदित होता रहा है.शायद कुछ पूर्व जन्म का ...Read More

3

गुजराती हिन्दी की भाषाई नोंक झोंक - 3

गुजराती हिन्दी की भाषाई नोंक झोंक संस्मरण-4 ढाबा में रहकर गुजराती के नए शब्दों को जानने में बडा़ मज़ा आ रहा था. विशेष कर ऐसे चिर परिचित शब्दों के गुजराती में अर्थ. गुजराती भाषा से अनभिज्ञ होने के कारण कभी अर्थ का अनर्थ भी हो जाता था, लेकिन वह भी गुदगुदा जाता और बहुत देर तक हँसी के फव्वारे छूटते रहते. आज भी वही अनुभूति हो रही है लिखते समय. अक्सर घर के कामकाज मैं भूल ही जाती थी कि मैं कि अहमदाबाद में रह रही हूँ. एक संध्या की बात है, मैं थोड़ा निश्चिंत होकर चाय ...Read More

4

गुजराती हिन्दी की भाषाई नोंक झोंक - 4

गुजराती हिन्दी की भाषाई नोंक झोंक संस्मरण-3 -लैंगा एक प्रसिद्ध कहावत है, ' कोस कोस पर पानी बदले, 3 पर बानी.' सो यही हाल है हमारे भारत में. राजस्थान में राजस्थानी और हिन्दी बोलते हुए जब गुजरात के अहमदाबाद में प्रवेश किया तो वहाँ सबको गुजराती बोलते हुए सुना तो अच्छा लगा, पर अधिक अच्छा जब लगता था, जब सब हमारी भाषाई समस्या को समझकर अपना तालमेल हमारे साथ बिठाते थे. एक दिन की बात है, नीचे लिफ्ट के लिए खडी थी कि हमारे नीचे के फ्लोर पर रहने वाली गीता बेन और गिरिश भाई शोपिंग बेग से ...Read More