वह अपने देश से दुबई गया तब उसके जेहन में ढेर सारे सपने थे।उसने सोचा था।परिवार की सारी दरिद्रता और अभाव हमेशा के लिए खत्म कर देगा।उस समय उसके मन मे यह ख्याल नही आया था कि जरूरी नही है।सपने हर इंसान के पूरे हो।उस दुनिया से जा रहा हूं, लेकिन क्या छोड़कर?पिता के पास सम्पति के नाम पर छोटा सा टूटा फूटा मकान था।वह भी उसी की वजह से गिरवी रखा है।परिवार के ढेर सारे दायित्व है,जिन्हें पूरे करने की जिम्मेदारी उस पर थी।लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी निभा नही पाया।नागेश का शरीर छत पर लटके पंखे से झूल रहा

Full Novel

1

सपने (पार्ट 1)

वह अपने देश से दुबई गया तब उसके जेहन में ढेर सारे सपने थे।उसने सोचा था।परिवार की सारी और अभाव हमेशा के लिए खत्म कर देगा।उस समय उसके मन मे यह ख्याल नही आया था कि जरूरी नही है।सपने हर इंसान के पूरे हो।उस दुनिया से जा रहा हूं, लेकिन क्या छोड़कर?पिता के पास सम्पति के नाम पर छोटा सा टूटा फूटा मकान था।वह भी उसी की वजह से गिरवी रखा है।परिवार के ढेर सारे दायित्व है,जिन्हें पूरे करने की जिम्मेदारी उस पर थी।लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी निभा नही पाया।नागेश का शरीर छत पर लटके पंखे से झूल रहा ...Read More

2

सपने (भाग 2)

बेटे की बात सुनकर नागेश के पिता बोले,"बेटा तू खुद समझदार है।""पिताजी वहां काम करने से हमारे की गरीबी दूर हो जायेगी।राजन को खूब पढ़ा सकेंगे।रुक्मा, देवी और पार्वती भी पढ़ लेंगी और उनकी शादी भी अच्छी जगह धूम धाम से हो जाएगी।""बेटा अगर ऐसा है तो तू जरूर चला जा।हमारे देश मे मेहनत के बदले मिलता ही क्या है?अगर वहां ज्यादा पैसा मिलेगा तो तू जरूर चला जा।"पिता की स्वीकृति मिलने के बाद उसने पता किया कि दुबई या खाड़ी के देश मे कैसे जा सकते हैं?वहां जाने के लिए सबसे पहले पासपोर्ट व वीजा की जरूरत थी।इन ...Read More

3

सपने (अंतिम भाग)

नागेश के वीजा की अवधि समाप्त होते ही कम्पनी ने उसे कम से हटा दिया।वह कुछ ऐसे लोगो के में आया जो वीजा खत्म हो जाने पर भी चोरी छिपे वहां काम कर रहे थे।नागेश भी काम की तलाध करने लगा।काम की तलाश मे कई जगह वह गया।लेकिन बिना वीजा कोई भी उसे काम देने के लिए तैयार नही हुआ।उसने पहले काम करके जो रुपये कमाए थे।वो धीरे धीरे खत्म हो गए।नागेश दोस्तो से उधार लेकर खर्च चलाने लगा।एज महीना गुज़र गया और उस पर कर्ज भी हो गया।काफी भागदौड़ करने और मिन्नते करने के बाद भी बिना वीजा ...Read More