Best Moral Stories Books in Gujarati, hindi, marathi and english language read and download PDF for free Home Stories Moral Stories Stories Filter: Best Stories ધૂપ-છાઁવ - 89 by Jasmina Shah અપેક્ષા ભણેલીગણેલી અને ખૂબજ હોંશિયાર છોકરી હતી એટલે તે કોઈ સારી જગ્યાએ જો પોતાને જોબ મળી જાય તો કરવા ઈચ્છે છે તેમ તેણે જણાવ્યું. ધીમંત શેઠે તેને એકાઉન્ટ વિશે, ... पकडौवा - थोपी गयी दुल्हन - 3 by Kishanlal Sharma "तुम बहुत शातिर और चालक औरत लगती हो।"उस युवती की बाते सुनकर अनुपम बौखला गया,"शादी का इतना ही शौक था तो तलाश कर लिया होता कोई लड़का।इस तरह जबरदस्ती ... आंसु पश्चाताप के - भाग 9 by Deepak Singh आंसु पश्चाताप के, भाग 9ठीक है जैसा तुम कहोगी वैसा ही करेंगे । प्रकाश कल्पना के घर को किराये के हवाले करके निकी और अम्मा को अपने साथ लेकर ... पकडौवा - थोपी गयी दुल्हन - 2 by Kishanlal Sharma उसे जबरदस्ती मंडप के नीचे बैठा दिया गया।उसके बैठते ही वह आदमी बोला,"पंडितजी जल्दी से आप फेरे डलवा दे""जी जजमान।"और पंडित जल्दी जल्दी सब काम करने लगा।अनुपम ने बहुत ... आंसु पश्चाताप के - भाग 8 by Deepak Singh आंसु पश्चाताप के, भाग 8नहीं पापा मैं उनकी परछाई तक नहीं देखूगी , ज्योती मेरे लिये नहीं मेरी माँ के लिये तरस खाओ , जब तुम मेरे लिए कुछ ... अपाहिज़ by Shrikar Dixit सबको सब कुछ वो खुदा नहीं देता है,हर इंसान को कुछ ना कुछ कमी देता है।इंसान ने दुनिया में काफी तरक्की कर ली, धरती से आसमान का सफ़र कर ... કાયમી સંભારણું by DIPAK CHITNIS. DMC -: કાયમી સંભારણું :- "શું હું અંદર આવી શકું, સર?""હા, શું વાત છે ભાવિન ?""આવ આવ તારી રજાની અરજી છે, હા સર. મારે પંદર દિવસની રજા જોઈએ છે.""કેમ ... आंसु पश्चाताप के - भाग 7 by Deepak Singh आंसु पश्चाताप के, भाग 7तुम जो कर रहे हो उसका परिणाम तुम्हारे सामने आयेगा , मेरा क्या बिगड़ेगा - क्यों ज्योती ?हाँ जीजा जी चलीये हम यहाँ से चलते ... प्रतीक्षा (पार्ट 2) by Kishanlal Sharma उसकी इस आदत की वजह से उसे हर पीरियड में टीचर की डांट खानी पड़ती।पर उस पर इसका कोई ज्यादा असर न पड़ता।वह एकदम फारवर्ड थी।वह किसी से भी ... आंसु पश्चाताप के - भाग 6 by Deepak Singh आंसु पश्चाताप के, भाग 6हाँ भाभी मैं सदर हॉस्पिटल के डॉक्टर आनंद से इलाज करवा रही हूँ , डाक्टर आनंद सदर हॉस्पिटल के फेमस डॉक्टर हैं , उन्होंने कल्पना ... पकडौवा - थोपी गयी दुल्हन - 1 by Kishanlal Sharma सूरज ढल रहा था।ढलते सूरज की तिरक्षी किरणें नदी के बहते पानी मे पड़ रही थी।अनुपम नदी के किनारे एक पत्थर पर बैठा बहते हुए पानी को देख रहा ... आंसु पश्चाताप के - भाग 5 by Deepak Singh आंसु पश्चाताप के, भाग 5इधर सेठ धर्मदास के फोन बजने लगा , वह फोन को अपने कानों से स्पर्श करके बोले - हैलो कौन ?पापा प्रणाम मैं ज्योती बोल ... મને આ લગ્ન મંજૂર નથી. by Mrs. Snehal Rajan Jani વાર્તા:- મને આ લગ્ન મંજૂર નથીવાર્તાકાર:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જાનીસંગીતાને કંઈ જ સમજાયું નહીં. બધાં એને ઘુરી ઘુરીને જોઈ રહ્યાં હતાં. એ કૉલેજથી ઘરે આવી ત્યારે ઘરે મહેમાન બેઠેલાં ... ધૂપ-છાઁવ - 88 by Jasmina Shah એક દિવસ પોતાના હાથમાં એક સુંદર ફૂલોનો ગુલદસ્તો લઈને અપેક્ષા શ્રી ધીમંત શેઠને મળવા અને તેમનો આભાર વ્યક્ત કરવા માટે તેમના બંગલામાં પ્રવેશી. સવાત્રણ કરોડના આલિશાન બંગલામાં શ્રી ધીમંત ... प्रतीक्षा (पार्ट 1) by Kishanlal Sharma जनवरी के महीने की रात।मौसम बेहद ठंडा था।य कोहरे की वजह से बिजली के लट्ठों पर लगे बल्बों का प्रकाश टिमटिमाता नजर आ रहा था।प्लेटफॉर्म पर कोई आता जाता ... એક અવિસ્મરણીય ભેટ by Mrs. Snehal Rajan Jani વાર્તા:- એક અવિસ્મરણીય ભેટવાર્તાકાર:- શ્રીમતી સ્નેહલ રાજન જાની"કેમ આ વખતે તારા ભિખારી ભાઈએ તને રક્ષાબંધન પર આવવાનો હજુ સુધી ફોન ન કર્યો? લાગે છે કે કવર કરવું પડે એટલે ... आंसु पश्चाताप के - भाग 4 by Deepak Singh आंसु पश्चाताप के, भाग 4नहीं पापा प्रकाश मेरा सब कुछ है , मैं उससे अलग रहकर खुश नहीं रह सकती मैं प्रकाश से बहुत प्यार करती हूँ । ठीक ... अनोखा प्रस्ताव - 2 (अंतिम) by Kishanlal Sharma शेखर के उतेजित होने पर भी वर्षा ने उसकी बात का जवाब शांत स्वर में दिया था"क्या कह रही हो डार्लिंग?"गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए वर्षा की तरफ ... धर्म युद्ध by Dinesh Tripathi विजया दशमी का शुभ दिन, सभी लोग जवारा निकालने की तैयारी में जुटने लगे।ढोल,नगारे, शंख,घण्टा आदि सभी संगीत के आयाम मौजूद थे।माँ दुर्गे की प्रतिमा सुसज्जित रथ पर खड़ी ... पेज 3 समाज सेवा by prabhat samir डाॅ प्रभात समीर ' जीवन विहार ' नाम की इस कॉलोनी में जाने के लिए पक्की सड़क से मुड़कर थोड़ा सा कच्चा रास्ता पार करना पड़ता था । इस ... आंसु पश्चाताप के - भाग 3 by Deepak Singh भाग 3 आँसु पश्चाताप के प्रकाश का संकेत मिलते ही कल्पना और राणा किस्ती में सवार हो गये ।वह उनको अपनी किश्ती में लेकर उस पार जाने लगा , ... आंसु पश्चाताप के - भाग 2 by Deepak Singh भाग २आंसु पश्चाताप केप्रकाश चुपचाप भुतबन कर खड़े खड़े उसकी बातों को सुनता रहा और सुनते सुनते अपने बीते लम्हों में खो गया । हैलो प्रकाश - जी हाँ ... ધૂપ-છાઁવ - 87 by Jasmina Shah યુએસએ હોય કે ઈન્ડિયા અપેક્ષા આખો દિવસ સૂનમૂન રહેવાનું જ પસંદ કરતી હતી તેને કોઈની સાથે બોલવું કે વાતચીત કરવી બિલકુલ પસંદ નહોતી. તેને હવે પાંચમો મહિનો બેસી ગયો ... अनोखा प्रस्ताव - 1 by Kishanlal Sharma सर्दियी की रात।रात के बारह बज चुके थे।वर्षा के सास ससुर और ननद कब के अपने अपने कमरों में जाकर सो चुके थे।वर्षा भी रोज सो जाती थी।लेकिन आज ... Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything बिटिया by Sharovan बिटिया कहानी / शरोवन *** ‘जीवन के रास्ते चलने वालों को कहॉ से कहॉ पहुंचा सकते हैं? इसकी पहले से कोई कल्पना भी नहीं कर पाता है। बदले की ... लोग क्या सोचेंगे? by Praveen दोस्तो! जीवन में कभी-कभी ऐसी घटनाएँ घट जाती हैं जो हमें दुविधा में डाल देती हैं और मन में कई प्रकार के प्रश्न उठने लगते हैं। जैसे कि जो ... માડી નો મોબાઈલ by Vijaysinh Rajput “મોબાઈલ”સત્ય ઘટના આધારીત લઘુ વાર્તા લેખકઃ વિજયસિંહ રાજપૂતઆજે એક ગામડાના વિધવા માજી તાલુકા મથકનાં મોબાઈલ વાળાને વારંવાર વિનંતી કરતા હતા કે આમાં કેવું બેલેંસ નાંખે,મારા દિકરાને મુંબઈ ફોન જ ... आंसु पश्चाताप के - भाग 1 by Deepak Singh भाग १आँसु पश्चाताप के शाम के धुले प्रकाश में एक खूबसूरत औरत बनारस सागर के तट पर किसी का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रही थी , मगर जब ... शेष जीवन (कहानियां पार्ट 29) by Kishanlal Sharma सायरा अपना कप उठाते हुए बोली,"आजकल तुम कहाँ हो?""तीस साल पहले पोर्ट ब्लेयर गया था।वही हूँ।""तो क्या इधर आने का इरादा नही है?""नही सायरा।अब तो मै वहाँ का होकर ... હવે ક્યાર સુધી? by vansh Prajapati .....,vishesh . નોંધ:"આ માત્ર એક મારી કલ્પનાથી લખાયેલ રચના છે " નમસ્કાર બધા જ્ વાંચકો ને મારુ નામ્ ?મને માફ કરજો હું નામ નહીં કહી શકું કારણ કે તમે મને દાગ ... शेष जीवन (कहानियां पार्ट 28) by Kishanlal Sharma तपन बैठा हुआ सोचने लगा।कालेज में तपन का सायरा से परिचय हुआ था।तपन हिंदी साहित्य का छात्र था जबकि सायरा कॉमर्स की स्टूडेंट थी।तपन को कविताएं लिखने का शौक ... સપ્તપદીનાં ચાર ફેરા... by Mahesh Vegad નમસ્તે વાચક મિત્રો આજે ઘણાં સમય નાં વિરામ બાદ આજે તમારા સાથે એક નવા જ વિષય પર આપણે વાતો કરવી છે. એ એવો વિષય છે જે બધા ના જીવન ...