इस कहानी का शीर्षक "बेताल पच्चीसी" है और यह "सोमदेव" द्वारा लिखी गई है। कहानी में अयोध्या के राजा वीरकेतु और उसके राज्य के साहूकार रत्नदत्त की बेटी रत्नवती का वर्णन है। रत्नवती बेहद सुंदर है, लेकिन वह पुरुष के भेष में रहकर किसी से शादी नहीं करना चाहती, जिससे उसके पिता दुखी हैं। नगर में चोरियों की समस्या बढ़ जाती है और राजा स्वयं चोर को पकड़ने निकलता है। एक रात, राजा भेष बदलकर एक चोर के पीछे जाता है। चोर उसे अपने घर ले जाता है, लेकिन उसकी दासी राजा को चेतावनी देती है। राजा अपनी सेना के साथ चोर के घर पर छापा मारता है और चोर को पकड़कर सूली पर लटकाने का आदेश देता है। रत्नवती चोर को देखकर उस पर मोहित हो जाती है और अपने पिता से कहती है कि वह उसी के साथ शादी करेगी। लेकिन राजा उसकी बात नहीं मानता और चोर को सूली पर लटका देता है। चोर की मृत्यु से पहले, रत्नवती उसके साथ सती होने के लिए चिता पर बैठ जाती है। देवी उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर आकाशवाणी करती हैं और रत्नवती से कुछ मांगने को कहती हैं। रत्नवती देवी से अपने पिता के लिए सौ पुत्रों और अपने पति के जीवन की प्रार्थना करती है। देवी उसकी इच्छाओं को पूरा करती हैं और चोर को जीवित करने के बाद, रत्नवती और चोर की शादी हो जाती। जब राजा को इस घटना का पता चलता है, तो कहानी के आगे क्या होता है, यह अनकहा रह जाता है। बेताल पच्चीसी - 14 by Somadeva in Hindi Short Stories 7 3.6k Downloads 8.5k Views Writen by Somadeva Category Short Stories Read Full Story Download on Mobile Description अयोध्या नगरी में वीरकेतु नाम का राजा राज करता था। उसके राज्य में रत्नदत्त नाम का एक साहूकार था, जिसके रत्नवती नाम की एक लड़की थी। वह सुन्दर थी। वह पुरुष के भेस में रहा करती थी और किसी से भी ब्याह नहीं करना चाहती थी। उसका पिता बड़ा दु:खी था। इसी बीच नगर में खूब चोरियाँ होने लगी। प्रजा दु:खी हो गयी। कोशिश करने पर भी जब चोर पकड़ में न आया तो राजा स्वयं उसे पकड़ने के लिए निकला। एक दिन रात को जब राजा भेष बदलकर घूम रहा था तो उसे परकोटे के पास एक आदमी दिखाई दिया। राजा चुपचाप उसके पीछे चल दिया। चोर ने कहा, तब तो तुम मेरे साथी हो। आओ, मेरे घर चलो। Novels बेताल पच्चीसी बहुत पुरानी बात है। धारा नगरी मे ने उसे मार डाला और स्वयं राजा बन बैठा। उसका राज्य दिनोंदिन बढ़ता गया और वह सारे जम्बूद्वीप का राजा बन बैठा। एक दिन उस... More Likes This नेताजी की गुप्त फाइलें - भाग 1 by Shailesh verma पायल की खामोशी by Rishabh Sharma सगाई की अंगूठी by S Sinha क्या यही है पहला प्यार? भाग -2 by anmol sushil काली किताब - भाग 1 by Shailesh verma Silent Desires - 1 by Vishal Saini IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) - 2 by Akshay Tiwari More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories