कहानी में आनंद नाम का एक धनवान व्यक्ति है, जिसने पल्लवी को बहुत संपत्ति दी है, जिससे वह घमंडी हो गई है। पल्लवी का आनंद के व्यापार से कोई लेना-देना नहीं है, और आनंद उसकी दखलंदाजी पसंद नहीं करता। पल्लवी के पास बैंक में फिक्स डिपॉजिट, सोने-हीरे के आभूषण, एक शानदार फ्लैट, कार, और नौकर-चाकर जैसी सभी सुविधाएँ हैं। उसकी अपेक्षाएँ बढ़ती जा रही हैं, और वह आनंद की संपत्ति की मालिक बनना चाहती है। जाँच अधिकारी ने पल्लवी से पूछा कि आनंद की मृत्यु में उसका क्या हाथ हो सकता है। मानसी, जो पल्लवी की दोस्त है, कहती है कि पल्लवी आनंद की मृत्यु नहीं चाहती थी, क्योंकि उसकी सभी इच्छाएँ पूरी हो रही थीं। पल्लवी हाल ही में हनीमून पर गई थी, और उसकी वापसी पर जाँच अधिकारी उससे पूछताछ करने पहुँचते हैं। पल्लवी बताती है कि आनंद की मृत्यु से उसे गहरा सदमा पहुँचा है और वह उनकी मदद का ऋण चुकाने में असमर्थ है। वह आनंद को एक देवता तुल्य मानती है और उनकी संदिग्ध मृत्यु के बारे में जानकर आश्चर्यचकित है। पल्लवी ने बताया कि उसने आनंद को अपने पति रिजवी के बारे में जानकारी दी थी, लेकिन उस समय उसका आनंद से विवाह करने का कोई इरादा नहीं था। जब रिजवी ने उससे शादी करने के लिए कहा, तो उसने आनंद से पहले ही इस बारे में बात की, जिस पर आनंद भौचक्का रह गया। पल्लवी ने रिजवी से शादी करने का निर्णय लिया, और आनंद को यह पसंद नहीं आया। कहानी में जाँच अधिकारियों का पल्लवी पर शक गहरा जाता है, और वे उसकी वापसी का इंतजार करते हैं। रात ११ बजे के बाद --भाग ४ by Rajesh Maheshwari in Hindi Fiction Stories 5 2.7k Downloads 6.3k Views Writen by Rajesh Maheshwari Category Fiction Stories Read Full Story Download on Mobile Description मुझसे भी कोई मतलब नही था आनंद ने उसको इतना धनवान बना दिया था कि उसे अपने आप पर घमंड आ गया था। उसका आनंद के व्यापारिक मामलों में कुछ भी लेना देना नही था और ना ही आनंद उसकी दखलंदाजी पसंद करता था। आनंद से उसने क्या क्या प्राप्त किया यह बता पाना तो मुश्किल है परंतु उसे क्या नही मिला बैंक में फिक्स डिपाजिट, सोने और हीरे के आभूषण, निवास के लिये एक बढिया फ्लैट, कार एवं नौकर चाकर आदि सभी कुछ उसे प्राप्त थे। उसकी अपेक्षाएँ बढती ही जा रही थी अब वह आनंद के ना रहने Novels रात के ग्यारह बजे के बाद राकेश और गौरव गहन सदमे की स्थिति में थे उन्हें विश्वास नही हो रहा था कि उनका मित्र आनंद अब इस दुनिया में नही हैं। राकेश ने गौरव से कहा कि मानव जीवन बह... More Likes This खेल खेल में - जादूई - भाग 1 by Kaushik Dave ऑगस्तो पिनोशे उगार्ते - एक तानाशाह की सत्य कथा - भाग 1 by MaNoJ sAnToKi MaNaS मत्स्य कन्या - 9 by Pooja Singh अतीत का साया - 1 by Kishanlal Sharma Rebirth of my Innocent Wife - 1 by Rani prajapati Reborn Agent Queen ka - 4 by Dark Queen डोनर गर्ल - 1 by S Sinha More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories