After eleven o'clock in the night book and story is written by Rajesh Maheshwari in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. After eleven o'clock in the night is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
रात के ग्यारह बजे के बाद - Novels
by Rajesh Maheshwari
in
Hindi Fiction Stories
राकेश और गौरव गहन सदमे की स्थिति में थे उन्हें विश्वास नही हो रहा था कि उनका मित्र आनंद अब इस दुनिया में नही हैं। राकेश ने गौरव से कहा कि मानव जीवन बहुमूल्य होता है क्योंकि यही हमारी सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों को बनाता है। हमारा जीवन और मृत्यु प्रभु के हाथों में है हम किसी पटकथा के नाटक के पात्र के रूप में आते हैं अपना पात्र निभाकर एक दिन अनंत में विलीन हो जाते है इसी में सुख दुख निहित है। मेरा मन मान नही रहा है कि हमारा मित्र आनंद हमसे बिछुड़ गया है। मैं मानता
राकेश और गौरव गहन सदमे की स्थिति में थे उन्हें विश्वास नही हो रहा था कि उनका मित्र आनंद अब इस दुनिया में नही हैं। राकेश ने गौरव से कहा कि मानव जीवन बहुमूल्य होता है क्योंकि यही हमारी ...Read Moreसंस्कृति और संस्कारों को बनाता है। हमारा जीवन और मृत्यु प्रभु के हाथों में है हम किसी पटकथा के नाटक के पात्र के रूप में आते हैं अपना पात्र निभाकर एक दिन अनंत में विलीन हो जाते है इसी में सुख दुख निहित है। मेरा मन मान नही रहा है कि हमारा मित्र आनंद हमसे बिछुड़ गया है। मैं मानता
खूबसूरत जगह है। आप जब भी पचमढी आए मेरे घर जरूर आइयेगा। यह सुनकर राकेश कहता है कि नेक काम में देर क्यों की जाए। अगले सप्ताह ही तीन चार दिन मेरे आफिस की छुट्टी रहेगी, क्यों ना उस ...Read Moreपचमढी घूमने चला जाए। यह सुनकर आनंद और मानसी भी अपनी सहमति प्रदान कर देते हैं। अगले सप्ताह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राकेश और आनंद गौरव को साथ लेकर पचमढी जाने के लिये प्रस्थान करते है और रास्ते में मानसी के घर रूकते हैं। वहाँ पर उसकी माँ, बहन पल्लवी से मुलाकात होती है। पल्लवी बहुत सुंदर और
हुये थे एवं कमरे में रखा हुआ सारा सामान सुव्यवस्थित था इससे प्रतीत हो रहा था कि कमरे में किसी प्रकार की कोई झडप भी नही हुयी। टेबल पर दो कप चाय रखी हुयी थी जिसमें चाय वैसी की ...Read Moreही रखी हुयी थी जैसे किसी ने पी नही हो। पुलिस ने नौकरों से पूछताछ के दौरान यह जानना चाहा कि चाय कौन लेकर आया था। यह जानकर सब हैरान रह गये कि सभी नौकरों ने कहा कि वे चाय लेकर नही आये। अब चाय किसके लिये आयी थी और कौन व्यक्ति ऊपर पहुँचा इसकी जानकारी भी किसी नौकर को
मुझसे भी कोई मतलब नही था आनंद ने उसको इतना धनवान बना दिया था कि उसे अपने आप पर घमंड आ गया था। उसका आनंद के व्यापारिक मामलों में कुछ भी लेना देना नही था और ना ही आनंद ...Read Moreदखलंदाजी पसंद करता था। आनंद से उसने क्या क्या प्राप्त किया यह बता पाना तो मुश्किल है परंतु उसे क्या नही मिला बैंक में फिक्स डिपाजिट, सोने और हीरे के आभूषण, निवास के लिये एक बढिया फ्लैट, कार एवं नौकर चाकर आदि सभी कुछ उसे प्राप्त थे। उसकी अपेक्षाएँ बढती ही जा रही थी अब वह आनंद के ना रहने
कुछ भी ना बताने का कारण जानना चाहता था और वह इन परिस्थितियों में अपने मित्र आनंद की जाँच प्रक्रिया को छोडते हुये उसके अमेरिका जाने के प्रयास के विषय में उलाहना देते हुये कहता है कि तुम कैसे ...Read Moreहो जिस आनंद ने तुम्हें इतना मान सम्मान दिया अपनी हर निजी बातों को तुम्हें बताया तुम्हारे ऊपर घूमने फिरने में लाखों रूपये खर्च किये उसकी मृत्यु सामान्य है या कोई साजिश यह जाने बिना तुम्हारा मन में बाहर जाने का विचार कैसे आया? तुम सच सच बताओं कि तुम्हें और क्या जानकारी है अन्यथा हमें तुम्हें पुलिस हिरासत में