एक सुबह, सब लोग जल्दी तैयार होकर नाश्ता करते हैं और अपनी चीजें कार में रखते हैं। रवि भाई बताते हैं कि वे निशु को अपना फैसला सुनाने वाले हैं, और protagonist (कहानी की नायिका) उम्मीद करती है कि जवाब सकारात्मक होगा। सब लोग अंकल-आंटी को बाय कहकर कार में बैठते हैं, जहाँ अंकल-आंटी मिठाइयाँ देते हैं और वापस आने का आग्रह करते हैं। जब protagonist कार में चढ़ती है, तो वह देखती है कि सबने विंडो सीटें ले ली हैं। वह विंडो पर बैठने का प्रयास करती है, लेकिन सभी जगह पहले से भरी हुई है। कुछ बातचीत के बाद, रवि भाई उसे अवि के पास बैठने के लिए कहते हैं, और अंततः अवि उसे अपनी सीट देते हैं। कुछ समय बाद, protagonist सो जाती है और जब उसकी आँख खुलती है, तो वह अवि के कंधे पर सिर रखकर सोई होती है। वह अवि को आराम से सोता देखती है और उनके कंधे पर सिर रखकर बैठी रहती है। थोड़ी देर बाद, उसकी गर्दन अकड़ने लगती है और वह अवि के हाथ पर अपना हाथ रख देती है, जिससे वह जाग जाते हैं। जब protagonist उनसे माफी मांगती है, तो वह उन्हें अनदेखा कर देते हैं। वह अपने पर्स से पेन निकालकर उनके हाथ पर "sorry" लिख देती है। अवि उसे पढ़कर उसकी ओर देखते हैं और धीरे से कहते हैं कि माफी इस तरह नहीं मांगी जाती। यह कहानी दोस्ती, प्यार, और थोड़े हंसी-मजाक के साथ एक यात्रा के दौरान की घटनाओं को दर्शाती है। मनचाहा - 30 by V Dhruva in Hindi Fiction Stories 31.9k 4.7k Downloads 10.2k Views Writen by V Dhruva Category Fiction Stories Read Full Story Download on Mobile Description सुबह जल्दी तैयार होके सबने ब्रेकफास्ट किया और अपना सामान कार में रखवाया। रवि भाई मेरे पास आकर कहते है कि में निशु को अपना फैसला सुनाने वाला हुं। मै- उम्मीद करती हूं जवाब हा ही होगा। रवि भाई- तेरा हुकुम सर आंखो पर। मैं congrats कहती हुई उनके गले लग जाती हु। सब रिद्धि और अंकल आन्टी को बाय बोलकर कार में बैठने जाते है। अंकल आंटी ने बहुत सारी मिठाईयां साथ में सबको दी और वापस आते रहने को कहा। मैंने घर पर कॉल करके हमारे निकलने के बारे में बता दिया। मै जब लास्ट में कार मै Novels मनचाहा जब से होश संभाला पापा को संघर्ष करते हुए देखा है मैंने। फिर भी मम्मी बिना किसी शिकायत के जिंदगी में साथ दें रहीं हैं। हम नोर्थ दिल्ली में रहते हैं। मे... More Likes This उजाले की राह by Mayank Bhatnagar Operation Mirror - 3 by bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 by Anipayadav वाह साहब ! - 1 by Yogesh patil मेनका - भाग 1 by Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 by S Sinha RAJA KI AATMA - 1 by NOMAN More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories