Gunaho ka Devta - 25 by Dharmveer Bharti in Hindi Fiction Stories PDF

गुनाहों का देवता - 25

by Dharmveer Bharti Matrubharti Verified in Hindi Fiction Stories

भाग 25 ''देखो, अब मैंने विवाह स्वीकार कर लिया। जेनी को स्वीकार कर लिया। चाहे यह जीवन का सत्य ही क्यों न हो पर महत्ता तो निषेध में होती है। सबसे बड़ा आदमी वह होता है जो अपना निषेध ...Read More