Aankh ki Kirkiri - 28 by Rabindranath Tagore in Hindi Fiction Stories PDF

आँख की किरकिरी - 28

by Rabindranath Tagore Matrubharti Verified in Hindi Fiction Stories

(28) विनोदिनी का वह दुबला-पीला चेहरा देख कर महेंद्र के मन में ईर्ष्या जल उठी। उसमें ऐसी कोई शक्ति नहीं कि वह बिहारी की चिंता में लगी इस तपस्विनी को जबरदस्ती उखाड़ सके? गिद्ध जैसे मेमने को झपट्टा मार ...Read More