Tamacha - 4 by नन्दलाल सुथार राही in Hindi Fiction Stories PDF

तमाचा - भाग 4 (कली)

by नन्दलाल सुथार राही Matrubharti Verified in Hindi Fiction Stories

संध्या का समय। आकाश में कुछ हल्के श्वेत बादल अपनी आनंदमयी गति के साथ चल रहे थे। हवा भी शीतलता द्वारा अपनी सुहावनी उपस्थिति दर्ज करा रही थी। जैसलमेर के रेलवे स्टेशन के पास एक हॉटेल में विक्रम नाम ...Read More