Mamta ki Pariksha - 128 by राज कुमार कांदु in Hindi Fiction Stories PDF

ममता की परीक्षा - 128

by राज कुमार कांदु Matrubharti Verified in Hindi Fiction Stories

कहते हुए गोपाल की आँखें जैसे कहीं शून्य में स्थिर हो गई हों ....मान और अपमान के बीच झूला झूलते और पल पल शर्मिंदगी के साथ मन में उठ रहे भावों से समझौता करके तिल तिल मरने का अहसास ...Read More