भारत में ग्रीन हॉस्पिटल के विकास की दिशा में इंडियन काउंसिल ऑफ ग्रीन बिल्डिंग ने ग्रीन बिल्डिंग को परिभाषित किया है। यह परिभाषा पारंपरिक बिल्डिंग की तुलना में कम पानी की खपत, ऊर्जा का किफायती उपयोग, जल संरक्षण, सीवेज वाटर ट्रीटमेंट, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और न्यूनतम कचरे के प्रबंधन से संबंधित है। हालांकि, प्रारंभिक चरण में इसके प्रभाव सीमित रहे। जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापमान वृद्धि के इस समय में, न्यूक्लियर ऊर्जा और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता ने स्वास्थ्य क्षेत्र में ग्रीन हॉस्पिटल की आवश्यकता को बढ़ाया है। 2001 में इंडियन काउंसिल ऑफ ग्रीन बिल्डिंग की स्थापना के बाद, ग्रीन बिल्डिंग को एक नियामक रूप दिया गया। 2007 में, इंडियन काउंसिल ने वर्ल्ड ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल का सदस्य बनकर अपने प्रयासों को बढ़ाया। वर्तमान में इसके 1318 सदस्य हैं और 183 रजिस्टर्ड बिल्डिंग के साथ 187 सर्टिफाइड बिल्डिंग भी हैं। केंद्र सरकार 2015 तक पूरे भारत में ग्रीन बिल्डिंग का जाल बिछाने की योजना बना रही है। ग्रीन बिल्डिंग के क्षेत्र में भारत के तीसरे स्थान पर आने की उम्मीद जताई जा रही है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। Green hospital by deepak prakash in Hindi Health 1 2.6k Downloads 10.7k Views Writen by deepak prakash Category Health Read Full Story Download on Mobile Description इंडियन काउंसिल आॅफ ग्रीन बिल्डिंग ने ग्रीन बिल्डिंग को पारिभाषित करते हुए कहा है-पारंपरिक बिल्डिंग की तुलना में ग्रीन बिल्डिंग में कम पानी की खपत,उर्जा का किफायती उपयोग,जल संरक्षण, जल छाजन,सीवेज वाटर ट्रीटमेंट,प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण, किफायती उपयोग, न्यूनतम कचरे का निर्माण और कचरा प्रबंधन से परिसर में स्वस्थ माहौल कायम होनेवाली बिल्डिंग को ग्रन बिल्डििंग कहते हैं. हालांकि शुरुआती दौर में इसका कोई विशेष प्रभाव तथा परिणाम देखने को नहीं मिलता. विश्वव्यापी प्रभुत्व वाली यूएस ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल का एक प्रोग्राम लीडरशिप इन इनर्जी एण्ड इंनवायर्नमेंटल डिजाइन के नाम से चलता है. इसके तहत किसी बिल्डिंग की गुणवत्ता के आधार पर सिल्वर,गोल्ड,प्लैटिनम ग्रडिंग सर्टिफिकेशन होता है. More Likes This इच्छामृत्यु यूथेनेशिया by S Sinha फ्रिज में खाना कब तक ठीक रहेगा by S Sinha पुरुषों का ब्रेस्ट कैंसर by S Sinha बंद नाक खोलने के उपाय by S Sinha अपने मेटाबॉलिज्म को जानें by S Sinha मोटे अनाज का उपयोग और स्वस्थ्य जीवन - 1 by JUGAL KISHORE SHARMA किसके लिए कितना सोना जरूरी by S Sinha More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories