इस कहानी के भाग 6 में, श्रीकांत एक तूफान की आशंका के बीच अपनी स्थिति का सामना कर रहा है। वह नंद और टगर के युद्ध के परिणामों के बारे में जानने में असमर्थ है, लेकिन समझता है कि संकट के समय, किसी भी समझौते का कोई मूल्य नहीं होता। दिनभर बादलों का घुमाव जारी रहता है, लेकिन शाम होते-होते टकराते हुए काले बादल आसमान में छा जाते हैं। खलासियों में घबराहट साफ दिखाई देती है। जब एक खलासी से तूफान के बारे में पूछा जाता है, तो वह बताता है कि कप्तान ने कहा है कि साइक्लोन आ सकता है। थोड़ी ही देर में, सभी यात्रियों को नीचे जाने के लिए मजबूर किया जाता है। श्रीकांत को यह स्थिति पसंद नहीं आती, क्योंकि उसने पहले कभी साइक्लोन का सामना नहीं किया है। वह सोचता है कि अगर तूफान आ रहा है, तो उसे उसे देखने से नहीं चूकना चाहिए। वह खुद को कैद करने के बजाय लहरों पर झूलते हुए मरण को बेहतर समझता है। लेकिन उसे यह नहीं पता कि जहाज के सफर में क्या खतरे हो सकते हैं। अंततः, बारिश और हवाओं की स्थिति बिगड़ जाती है, और वह सुरक्षित आश्रय ढूंढने में असमर्थ हो जाता है, जिससे उसकी चिंता और बढ़ जाती है। श्रीकांत - भाग 6 by Sarat Chandra Chattopadhyay in Hindi Fiction Stories 1.6k 3.4k Downloads 11.2k Views Writen by Sarat Chandra Chattopadhyay Category Fiction Stories Read Full Story Download on Mobile Description उस दिन फिर मेरा जी न चाहा कि नीचे जाऊँ, इसलिए, नन्द और टगर के युद्ध का अन्त किस तरह हुआ- सन्धि-पत्र में कौन-कौन-सी शर्तें निश्चित हुईं, सो मैं कुछ नहीं जान पाया। परन्तु, बाद में देखा कि शर्तें चाहे जो हों, विपत्ति के समय वह 'स्कैप ऑफ पेपर' (कागज का रद्दी टुकड़ा) किसी काम नहीं आता। जब जिसे जरूरत होती है, खिलवाड़ की तरह उसे फाड़ फेंकता है और दूसरे का ब्यूह भेद कर डालता है। बीस बरस से ये दोनों यही करते आए हैं तथा और भी बीस बरस तक ऐसा न करते रहेंगे, इसकी शपथ स्वयं विधाता भी नहीं ले सकेंगे। Novels श्रीकांत मेरी सारी जिन्दगी घूमने में ही बीती है। इस घुमक्कड़ जीवन के तीसरे पहर में खड़े होकर, उसके एक अध्याापक को सुनाते हुए, आज मुझे न जाने कितनी बातें याद आ रह... More Likes This Operation Mirror - 3 by bhagwat singh naruka DARK RVENGE OF BODYGARD - 1 by Anipayadav वाह साहब ! - 1 by Yogesh patil मेनका - भाग 1 by Raj Phulware बेवफाई की सजा - 1 by S Sinha RAJA KI AATMA - 1 by NOMAN क्लियोपेट्रा और मार्क एंथनी by इशरत हिदायत ख़ान More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories