चंद्रगुप्त - प्रथम अंक - 3

by Jayshankar Prasad in Hindi Fiction Stories

चंद्रगुप्त - प्रथम अंक - 3 ( पाटलिपुत्र में एक भग्नकुटीर ) कुटिया में अन्दर प्रवेश करते ही चाणक्य पुरानी यादों में खो गए - पिताजी की गोद और अन्य चीजें यद् आई - प्रतिवेशी चाणक्य से पूछ्ताज करता है - ...Read More