Humour stories Books in Hindi language read and download PDF for free Home Books Hindi Books Hindi Humour stories Books Filter: Best Hindi Stories क्यों लिखूं....? by Alok Mishra क्यों लिखूं....? आपका ये नाचीज कभी-कभार अपने मन की बात लिखकर आप तक पहुंचा कर अपने मन के बोझ को कम करता रहता है, ... चोलबे ना - 9 - इज्जतदार लेखक by Rajeev Upadhyay लेखक नामक प्रजाति के सदस्य अक्सर अकादमियों और मंत्रालय के अधिकारियों को कोसते रहते हैं। ये उनकी स्पष्ट राय है कि ये अधिकारी लेखकों को उनके जीते-जी सम्मान ... रामलाल का सन्यास by Alok Mishra रामलाल का सन्यास अभी -अभी प्राप्त समाचार के अनुसार रामलाल जी ने राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है । रामलाल जी को ... कस्बे का आई.सी.यू. by Alok Mishra कस्बे का आई.सी.यू. ये एक छोटा सा कस्बा है । इस कस्बे में एक सरकारी अस्पताल भी है । जहॉं कुछ डॅ़ाक्टर केवल इसलिए आ जाया करते है ... पंछी उवाच by Alok Mishra पंछी उवाच ये जंगल बहुत ही अच्छा और सुंदर था । कल-कल करती नदियॉ , हरे-भरे पेड़ों से ... चोलबे ना - 8 - गाली ही आशीर्वाद है by Rajeev Upadhyay मुझे भाषण देने की आदत जो है कि लोग देखा नहीं कि बस उड़ेलना शुरू कर देता हूँ। बस कुछ दोस्त मिल गये तो मैं लग गया झाड़ने। खैर ... पुतला (व्यंग्य ) by Alok Mishra ‘‘पुतला’’ मैं पुतला हूँ। यदि आप न समझें हो तो मैं वही पुतला हूँ, जो दशहरे में रावण के रूप में और होली में होलिका के रूप ... गरीबी और गरीब ( व्यंग्य ) by Alok Mishra गरीबी और गरीब ( व्यंग्य ) गरीबी और मंहगाई दो बहनें आजादी के मेले में एक दूसरे का हाथ पकड़े भारत के पीछे-पीछे लग गई । ... सत्य मोहे न सोहते ( व्यंग्य ) by Alok Mishra सत्य मोहे न सोहते ( व्यंग्य ) बचपन से एक ही पाठ पढ़ा है ‘‘सत्य बोलो’’ क्योंकि ‘‘सत्यमेव जयते।’’ सत्य की विजय को ... चोलबे ना - 7 - फ्रैक्चर, प्लॉस्टर और चुनाव by Rajeev Upadhyay अभी मैं उहापोह की स्थिति में पेंडुलम की तरह डोल ही रहा था कि चच्चा हाँफते हुए कहीं चले जा रहे थे। देखकर लगा कि चिढ़े हुए हैं। जैसे ... व्हीप......व्हीप......व्हीप.... (व्यंग्य) by Alok Mishra व्हीप......व्हीप......व्हीप.... ‘‘आज के समाचार यह है कि राम प्रसाद जो कि गधा पार्टी के नेता हैं, से सुअर पार्टी पर प्रहार करते हुये व्हीप.......व्हीप.......व्हीप कहा। ... होली का दिन ( होली स्पेशल) by RACHNA ROY दीपू होली के पहले दिन ही पापा के साथ जाकर तरह-तरह के रंग, पिचकारी, गुब्बारे सब कुछ खरीद कर ले आया।दीपू होली के पहले दिन ही पापा के साथ ... यमराज का आगमन by Alok Mishra यमराज का आगमन अचानक एक धमाकेदार खबर सुर्खियाॅ बन गई । बनती भी क्यों न , खबर ही ऐसी थी । खबर आई कि यमदूत आने वाले है ... होली कब है ? by Alok Mishra होली कब है ? रामलाल एक दिन बाजार में मिल गए । बाताे - बातों में वे बोले ''होली कब है ? हम सोचने लगे कि ... उपवास कैसे रखें .... (व्यंग्य) by Alok Mishra उपवास कैसे रखें ...... व्यंग्य अब साहब आपके ये दिन आ गए कि कोई मुझ जैसा अदना सा व्यक्ति आपको यह बताए कि उपवास ... चोलबे ना - 6 - राम को आईएसआई मार्का by Rajeev Upadhyay इस बार के दशहरा में वो हुआ जो कभी भी नहीं हुआ था। जिसका सपना लोग सत्तर साल से देख रहे थे वो इस बार ‘पहली बार’ हो ही ... दावत-अदावत (व्यंग्य ) by Alok Mishra दावत-अदावत (व्यंग्य ) दावत शब्द सुनते ही लज़ीज पकवानों के की महक से मुंह में पानी आना स्वाभाविक ही है । शादी - ब्याह हो , ... बिना मुद्दे की बकवास (व्यंग्य) by Alok Mishra बिना मुद्दे की बकवास ( व्यंग्य) नमस्ते ....आदाब....सत्तश्रीअकाल....आज फिर शाम के छः बज रहे है और मैं खवीश हाजिर हुँ बिना मुद्दे की बकवास के साथ । आप को ... धंधा मारा जाएगा by किशनलाल शर्मा इक्कीसवीं सदी साइंस का जमाना।शिक्षा के प्रसार के साथ लोगो का ज्ञान बढ़ा है।लोग जागरूक हुए है और उनमें समझदारी आयी है।पहलेकी तरह लोग अज्ञानी और कूप मण्डूक नही ... मेरी कीमत क्या है ? (व्यंग्य) by Alok Mishra मेरी कीमत क्या है ? (व्यंग्य) हम ठहरे एक आम आदमी ........नहीं ... नहीं , जनता..... अरे......नहीं...... फिर राजनैतिक हो गया । खैर आप ... How are you, Mr. Khiladi ? by BRIJESH 'PREM' GOPINATH देर रात शिफ्ट पूरी कर घर पहुंचा तो हालत देखकर भौंचक्का रह गया.ऐसा लगा मानो भूकंप आया हो.एक जूता बाथरूम के पास तो दूसरा किचन के दरवाज़े पर,अख़बार के ... चोलबे ना - 5 - चुनावी चक्कलस का मंत्र by Rajeev Upadhyay सुबह सुबह की बात है (कहने का मन तो था कि कहूँ कि बहुत पहले की बात है मतलब बहुत पहले की परन्तु सच ये है कि आज शाम ... पांडे जी की सायकिल (व्यंग्य कथा) by Alok Mishra पांडे जी की सायकिल (व्यंग्य कथा) अब साहब आपका पूछना जायज ही होगा कि पांडे जी कौन ? आपने पूछ ही लिया है तो हम बताएं देते ... कलयुग में भगवान by किशनलाल शर्मा "नारायण नारायण---घोर कलयुग है"क्या हुआ नारद,"भगवान विष्णु, नारद को देेेखते ही बोले," चितित नज़र आ रहेे हो।कहाँ से आ रहे हो?"प्रभु भूलोक में गया था।पूरी पृथ्वी का भृमण करके ... Short Stories Spiritual Stories Novel Episodes Motivational Stories Classic Stories Children Stories Humour stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Social Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything अंग्रेजी में बैठना कुत्ते का by कृष्ण विहारी लाल पांडेय मैं काफी मॉडर्न थे। इस लिए उनके पास एक कुत्ता था। वे उससे हिंदी नहीं बोलते थे ।अंग्रेजी में आदेश देते थे - कम , गो, यस, नो , ... बुरा तो मानों .... होली है ( व्यंग्य ) by Alok Mishra बुरा तो मानों...... होली है ( व्यंग्य) लो साहब होली आ गई । सब ओर नारा लगने लगा ‘ बुरा न मानो .... होली है । वैसे भी ... काली पुतली by Alok Mishra काली पुतली ये गाँव से विकसित होता छोटा सा कस्बा था । इस शहर में कुछ सड़कें ऐसी भी थी जिन पर रातों को लोग जाने से ... चोलबे ना - 4 - रवीश भाई, कन्हैया और मेरा सपना by Rajeev Upadhyay कल अचानक ही रवीश भाई से मिलना हो गया। कौन? अरे भाई! वही अपने रवीश भाई जी! कमाल है अभी भी आप नहीं समझे! अरें भई रवीश कुमार के ... लोटन का शौचालय ( व्यंग्य ) by Alok Mishra लोटन का शौचालय एक गाँव में एक बुजुर्ग रहते थे, नाम था लोटनलाल। पहले उनका भरा-पूरा परिवार था। फिर धीरे-धीरे सब साथ छोड़ते गए, ... सेवा-भाव की अपनी-अपनी सोच by r k lal सेवा-भाव की अपनी-अपनी सोच आर० के० लाल पार्क में एक शाम बैठे कई बुजुर्ग समाजसेवा करने की बात पर ज़ोर दे रहे थे परंतु उनमे से दो ...