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Tum hi to ho - 9

सिद्धि के पास घर की चाबी रहती थी इसीलिए बेल ना बजा कर सीधा अंदर चली गयी सिद्धि ने अंदर आकर दरवाजा बंद किया उसकी नजर सोफ़े पर सो रही रिया पर गयी उसने उसके सोने के ढंग को देख हसी आगयी
वो पहले माँ के रूम में गयी जहा उसकी माँ सो रही थी
उसने धीरे से दरवाजा लगाए अपने रूम की और गयी वहा से एक चादर ले आयी और रिया पर ओढ दी
किचन मै जाके पानी पिया अपने रूम मैं चली गयी और फ्रेश होकर आयी वो खुश थी की उसे जॉब मिल सकती है उसने कुछ डिजाइन के पेपर निकाले
वहीं कुछ और पेज निकाल पेंसिल ले कर कुछ बनाने लगी दो घण्टे बाद वो उठी उन सारे पेपर को अच्छी तरह रख सो गयी
इधर शुभ जब घर पोहचा अपने रूम मैं गया फ्रेश होकर सोने लगा
पर आखें बंद करते ही सिद्धि का चेहरा आजाता
उसे समझ ही नहीं आ रहा था कि उसके साथ हो क्या रहा हैं
जो कभी किसी लड़की की को देखता तक नहीं था आज उसके जेहन में एक लड़की छा गयी है
वो ये सब सोचते सोचते आखें लग जाती हैं और वो सो जाता है

अगली सुबह
सिद्धि 6 बजे उठ जाती है और नहाने चली जाती थोड़ी ही देर बाद तैयार हो कर वो बाहर आती है जहां रिया अभी भी सो रही थी
वो घर के एक तरफ बनाए छोटे से मंदिर की और जाती है जहा गणेशजी की मूर्ति थी हाथ जोड़ वो प्राथना करने लगती है

वक्रतुण्ड महाकाय सुर्यकोटी समप्रभः
निर्विघ्नं कुरू मे देवो सर्वकार्येषु सर्वदा।

ओम गं गणपतये नमो नमः
श्री सिद्धी विनायक नमो नमः
अष्टविनायक नमो नमः
गणपती बाप्पा मोरया।

उसकी मधुर आवाज से रिया जाग गयी जब आरती कर सिद्धि आयी तब तक रिया भी तैयार होगई दोनों ने साथ में चाय पी और रिया चली गयी सिद्धि भी अपनी माँ की और आगयी तो उसकी माँ आज पहले से तैयार होगई थी वो खुश थी उसकी माँ पहले से बेहतर होती जा रही है उसने माँ को नास्ता दिया और कहा
माँ में आज फिर एक इंटरव्यू देने जा रही हूं
आशीर्वाद देना की में सिलेक्ट हो जाऊ
माँ कहती है मुझे लगता है आज तेरा सिलेक्शन हो जाएगा मेरा आशीर्वाद हमेशा तेरे साथ है
सिद्धि कहती है माँ मुझे जल्दी जाना होगा byy
अपना ध्यान रखना
सिद्धि जल्दी से अपने रूम में जाकर फाइल , बैग और फोन ले लेती है आधे घंटे में उसे ऑफिस जाना था

यहां
शुभ रोज की तरह उठा
पर आज कुछ अलग था वो थी उसकी स्माइल अब ये स्माइल किस वज़ह से थी ये तो वो ही जानता था वो जल्दी से तैयार हुआ नीचे आया तो देखा निधि भी उठ चुकी थी उसने उसे good morning कहा बदले में निधि ने भी good morning कहा दोनों डायनिंग टेबल पर खाना तैयार था माई जो अक्सर उनका खाना बनती थी घर का भी ख्याल रखती थीं
आज शुभम के चेहरे पर अलग ही नूर था और वो थोड़ा जल्दी में भी लग रहा था निधि से रहा नहीं गया वो पूछने लगी भाई क्या हुआ है इतना जल्दी क्यु खा रहे हो आराम से खाओ
शुभम ने भी हाँ में सर हिला दिया
दोनों ने खाना खाया निधि भी कॉलेज चली गयी
शुभम भी आकर गाडी में बैठ गया
गाड़ी ऑफिस की और चल पडी
तभी उसे कुछ याद आया उसने फोन लगया
और कहा
हैलो दिग्विजय अंकल कैसे है आप
अरे में बढ़िया तुम कैसे हो और कब मिल रहे हो
कहा जल्दी अंकल क्या आप ऑफिस आ सकते है
इधर दिग्विजय अंकल को ज्यादा लगी नहीं तो उन्होंने कहा हा पर क्यु
अंकल मैनेजर के लिए मैने एक employee देखा है आप उसका इंटरव्यू ले लीजिए
दिग्विजय अंकल ने कहा ठीक है पर क्या तुम जानते हो वो कौन हैं
अंकल actually वो अभी मिली है हैं उसे जॉब की जरूरत है मैने उसके डॉक्यूमेंट देखे ज्यादा experience नहीं है पर फिर भी में एक चांस देना चाहता हूं आप उनका interview ले लीजिए
अंकल ने ठीक है कहा उन्होंने कहा में बस निकल रहा हू
और फोन बंद किया
दिग्विजय जी अभी भी उस लड़की के बारे में सोच रहे थे फिर वो भी ऑफिस के लिए निकल गए

अब क्या होगा इनकी स्टोरी मे
जब दिग्विजय और सिद्धि फिर से मिलेंगे तो क्या रिएक्शन होगा
इस सब के बारे मे एक्सीडेंट के बारे में जब शुभम को पता चलेगा तब क्या होगा
सब जवाब मिलेंगे
आगे के पार्ट में तब तक पढ़ते रहें tum hi to ho
एक और बात
हमें माफ़ कर दीजिए जो पार्ट्स इतने लेट आ रहे है जितने भी लोग ये स्टोरी पढ़ रहे बस यही आशा है कि आप अपना प्यार मेरी कहानी को देंगे
बाकी शुक्रिया byy