DAIHIK CHAHAT book and story is written by Ramnarayan Sungariya in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. DAIHIK CHAHAT is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
दैहिक चाहत - Novels
by Ramnarayan Sungariya
in
Hindi Fiction Stories
उपन्यास भाग---१ - आर. एन. सुनगरया, हॉटल की सीडि़यॉं उतरती शीला, फुरतीले अंदाज में लगभग दौड़ती हुई, मैन गेट पहुँची ही थी कि सामने से गुजरती टैक्सी के ड्राइवर ने सांकेतिक भाषा में पूछा, ‘’टैक्सी.....मैडम.....?’’ मुण्डी हिलाकर शीला ने स्वीकृति दी। टैक्सी रूकी, अपनी शीट पर बैठे-बैठे ही
उपन्यास भाग---१ दैहिक चाहत – १ ...Read More --आर. एन. सुनगरया, हॉटल की सीडि़यॉं उतरती शीला, फुरतीले अंदाज में लगभग दौड़ती हुई, मैन गेट पहुँची ही थी कि सामने से गुजरती टैक्सी के ड्राइवर ने सांकेतिक भाषा में पूछा, ‘’टैक्सी.....मैडम.....?’’ मुण्डी हिलाकर शीला ने स्वीकृति दी। टैक्सी रूकी, अपनी शीट पर बैठे-बैठे ही
उपन्यास—भाग—2 दैहिक चाहत – 2 ...Read More आर. एन. सुनगरया, सुबह-सबेरे सही समय पर सबसे पहले ऑफिस पहुँची, शीला। देवजी को अपने ऑफिस की तरफ आते देख शीला ने, आगे बढ़कर उन्हें रिसीव किया, ‘’गुड मोर्निंग !’’ देवजी ने मुस्कुराते हुये, ‘’हॉस्टल से होते हुये आये, शायद आपको कन्वेन्स ना मिले तो......।‘’
उपन्यास भाग—3 दैहिक चाहत – 3 ...Read More आर. एन. सुनगरया, शीला ने अपने आपको इस कदर व्यस्त कर लिया, किसी का साहस ही नहीं होता कि कोई उसे फुरसत के क्षणों में अपने घर परिवार की स्वाभाविक समस्याऍं, परस्पर आदान-प्रदान कर सके। मगर इस चकबन्ध वातावरण में भी देव
उपन्यास भाग—4 दैहिक चाहत – 4 ...Read More आर. एन. सुनगरया, ...........देवजी की आवाज़ नेटवर्क की भॉंति कटऑफ हो गई। घौर सन्नाटा, जैसे काली अँधेरी रात जम गई, वर्फ की तरह ! शीला सन्न–सुट्ट हो गई, चेतना मूर्छा में बदल गई। पूछना, बोलना, जानना एवं कहना
उपन्यास भाग—5 दैहिक चाहत – 5 ...Read More आर. एन. सुनगरया, समाज की ईकाई है, परिवार, प्रत्येक सदस्य है, परिवार की ईकाई एवं परिवार रहित सदस्य समग्र सवमाज की ईकाई कहा जा सकता है। देवजी का स्थान भी समग्र समाज की ईकाई के समान है, समाज की सम्पूर्ण गतिविधियॉं एवं कार्यकलाप