दाल बराबर

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अगर मुर्गियों की ज़बान होती तो वो कैसे अपनी आत्मकथा बयान करती इस हास्य-व्यंग्य से भरी कहानी में एक मुर्गी अपनी आत्मकथा कह रही है जिसे कहीं-कहीं इंसानों पर भी लागू किया जा सकता है।