लाला हुआंग रात की चुप्पी में खलल डालती अस्पष्ट आवाजों को सुनते हुए लेटी हुई थी। इस समय उसके विचार उसे डरा रहे थे। उसकी माँ के जिंदा रहते, जो कि गुज़र गयी थीं जब लाला बहुत छोटी लड़की थी, ज़िन्दगी काफी अलग और खुश थी।