दीवाना शायर

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[अगर मुक़द्दस हक़ दुनिया की मुतजस्सिस निगाहों से ओझल कर दिया जाये। तो रहमत हो उस दीवाने पर जो इंसानी दिमाग़ पर सुनहरा ख़्वाब तारी कर दे।] मैं आहों का ब्योपारी हूँ, लहू की शायरी मेरा काम है, चमन की मांदा हवाओ! अपने दामन समेट लो कि मेरे आतिशीं गीत, दबे हुए सीनों में एक तलातुम बरपा करने वाले हैं,