पेशावर से लाहौर तक

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वो इंटर क्लास के ज़नाना डिब्बे से निकली उस के हाथ में छोटा सा अटैची केस था। जावेद पेशावर से उसे देखता चला आ रहा था। रावलपिंडी के स्टेशन पर गाड़ी काफ़ी देर ठहरी तो वो साथ वाले ज़नाना डिब्बे के पास से कई मर्तबा गुज़रा। लड़की हसीन थी जावेद उस की मुहब्बत में गिरफ़्तार हो गया उस की नाक की फ़िनिंग पर छूटा सा तिल था गालों में नन्हे नन्हे गढ़े थे जो उस के चेहरे पर बहुत भले लगते थे।