बुर्क़ा – एक करुण प्रेम कथा

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विशाल कभी भी पढने में अच्छा नहीं था बचपनसे ही गरीबी और पिता की कंजूसी नें उसे ग़ुरबत में रखा था छोटी छोटी ज़रूरतों के लिए विशाल दोस्तों के छोटे-मोटे काम भी कर दिया करता था बचपन बीत चला, जवानी जोश मारने लगी, हाथ पैर निकल आये तो विशाल काम-काज पर भी लग गया जीवन धीरे धीरे पटरी पर आ ही रहा था तभी, विशाल के जीवन में एक सुंदर लड़की का आगमन हुआ पहली ही नज़र में प्यार तो आप नें सूना ही होगा, लेकिन अपना हीरो तो उस लकड़ी की आवाज़ सुन कर ही प्यार में पड़ गया