खूनी साया

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खूनी साया Chapter - 1 कहते हैं..! इंसान अपनी परछाईं से बच सकता हेेै, अपने अतीत से नही। अपने करमो से बच सकता है, अपने भाग्य से नही। अनहोनी से बच सकता है, होनी से नही। होनी को ना आप टाल सकते हैं और ना मैं, ये और बात है के ज़िन्दगी के इस चक्रर को समझने के लिए मुझे मौत के मुँह तक जाना पड़ा है, शायद आप इस बात को ना मानते हों पर मैं मान चुका हूँ अब देखिए न मैं यँहा से हज़ारों मील दूर हूँ। पर इस घर की खामोशी को सुनकर कौन कह सकता है, के आज जो यहाँ होने वाला है, उसका असर मेरी जिंन्दगी और मौत दोनो पे हो