कुछ जीनेका तारिक हमेंभी आता हे।

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केहते हे हर कोई किताब की शरुआत प्रस्तावना से होती हे ओर लेखक का परिचयभीवो कहते हे ना “कहना तो बहुत कुछ हे आपसे , मगर ये कम्बकत वक्त रुकता ही नहीं” समय मूँजें इजाज़त नहीं देता की आपका में क़ीमती समय व्यर्थ करूँ। १. कुछ पनेके लिए तकलीफ़ तो उठनी पड़ेगी क़ुदरत हमें हरबार कुछना कुछ कहती रहती हे। पाँखी का राजा.... समड़ी, कहते हे समड़ी७० साल तक जीती हे। समड़ी की आयु तक़रीबन ७० सालों की होती हे मगर ...