लौट आओ

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प्रिय दोस्तों, दिल के किसी कोने से आवाज़ आ रही है, कोई दिल पे दस्तक दे रहा है, दिल से दिल की बातेंं हो रही हैं।और ये नादान दिल कुुुछ महसूस कर रहा है,होसकता है आपका दिल भी कुछ महसूस करता हो। गीतों की माला आपको समर्पित करता हूँ... १-लौट आओ मैं पथिक रस्ता था भूला,प्रेम की पगडंडियों का,लग रहा है चाँद आँगन,आके बोला लौट आओ, आओलहलहाती दोपहर में, झुलस जाएगा बदन ये,इन नयन झीलों के तट पर,बैठो या डुबकी लगाओ।ढूंढते फिरते हो क्यूँ ,अनजान गलियों में मुझे तुम,छोड़कर मीठी नदी को, क्यूँ समंदर