डॉमनिक की वापसी - 14

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अगले हफ्ते ग्रुप मंडी पहुंचा. शिमोर्ग को छोड़कर बाकी सभी लोग पुराने बस अड्डे के सामने ही किसी होटल में रुके थे. पहले ही दिन शाम को शिमोर्ग दीपांश को माँ से मिलाने ले गई। उसकी माँ उसी की तरह बहुत सुंदर थीं, वह अपने गोरे रंग की वजह से भारतीय परिधान में भी विदेशी लग रहीं थीं. दीपांश को उनके चलने, उठने-बैठने के तरीके और तनी हुई गरदन को देखकर नाटक में शिमोर्ग द्वारा अभिनीत किए जा रहे किरदार ‘एलिना’ की याद आ रही थी. उसे लगा उस किरदार को निभाते हुए वह बहुत कुछ अपनी माँ की तरह ही रिएक्ट करती है.