विश्वमोहन ने शो की तैयारियों में कोई कसर नहीं उठा रखी थी. साथ ही फ़िल्म की स्क्रिप्ट और कास्ट भी फाइनल हो चुके थे, पर लोकेशन ढूँढने का काम अभी फिलहाल रोक दिया गया था. क्योंकि फ़िल्म का फ्लोर पर जाना नाटक के इस विशेष मंचन के हो जाने तक टल गया था. उधर इति और सेतिया के बीच का तनाव कम करने के लिए इति से रमाकांत ने और सेतिया से विश्वमोहन और शिमोर्ग ने बात की थी. किसी तरह दोनों को समझाकर, बात को ग्रुप के भीतर ही सुलझा लिया गया था. लगता था अब सब ठीक हो जाएगा. इति उसके बाद दो एक दिन में ही अपने काम में लग गई थी. सेतिया का व्यवहार भी पहले से कुछ सधा हुआ लग रहा था. इस समय सबका ध्यान शो की तैयारियों पर ही था, महीने भर पहले से ही बैनर- पोस्टर शहर में जगह-जगह लग चुके थे.