एक और किस्सा निर्भया नहीं और दिखता

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भाभी 10:00 बज रहे हैं होली के दिन है क्या मुझे कोई घर छोड़ देगा l दीप्ति " भैया को आने दे"काजल " भाभी आप छोड़ आओ ""होली का महोत्सव हो रहा है हमारी गली में l आपको तो पता है लोग कैसी-कैसी नजरों से देखते हैं l पिछले वर्ष ऐसे ही एक लड़की को कमरे में बंद करके....."दीप्ति " अच्छा अब बस कर और चुप हो जाओ , देव नीचे आओ चलो काजल दीदी को घर छोड़ने चले "देव " ठीक है मां क्या पैदल जाना है ?"दीप्ति " हां बेटा गाड़ी नहीं है". होली की चहल-पहल चारों ओर थी