परियों का पेड़ - 11

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परियों का पेड़ (11) संकट से पार नहीं उसने देखा, यह तूफानी शोर नदी के तेज बहाव तथा कटाव से उखड़े हुए एक मोटे और लंबे पेड़ का था | यह पेड़ अनायास ही इस नदी की वेगवती धारा में उलटता – पुलटता और लुढ़कता हुआ, लहरों के थपेड़ों के साथ संघर्ष से उपजी गर्जना करता हुआ, उसी ओर बहता चला आ रहा था | इस बहते हुए पेड़ की वह भयंकर गर्जना ही जबरन राजू का ध्यान खींच रही थी | .....या फिर तात्कालिक समस्या का कोई अच्छा समाधान बताने वाली थी | बहरहाल, राजू उस पेड़ के वेग