परियों का पेड़ - 22

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परियों का पेड़ (22) अपनी धरती, अपने लोग राजू के कानों में अचानक ही किसी के चीखने – चिल्लाने की तेज आवाज सुनाई दी | कोई उसे बुरी तरह झकझोरे दे रहा था | अचानक हुए इस शोरगुल से जैसे ही उसकी नींद खुली तो वह भौचक रह गया | यह बड़ी ही जानी – पहचानी आवाज थी | सूरज की तीखी किरणें सीधे उसके चेहरे पर पड़ रही थी | राजू ने अनुभव किया कि सूरज उसके सिर पर चढ़ आया था, जिसकी गर्माहट उसे साफ महसूस हो रही थी | उसने हड़बड़ाकर जल्दी – जल्दी दोनों हाथों से