तुमने कभी प्यार किया था? - 7

  • 6.1k
  • 2.2k

नानी तुमने कभी प्यार किया था? भाग-7 उसकी कुछ रचनाएं मैंने पढ़ी। और बार-बार उन्हें पढ़ती रही।मेरे मन में उसकी साक्षात मूर्ति बनती रही।मुझे लगता था इन रचनाओं के माध्यम से वह मुझे और मैं उसे छू रही हूँ।१. तुम्हारा वह मन फिर मिला ही नहीं,तुम्हारी परिछाई फिर दिखी ही नहीं,धूप में गया तोयादें लिपट आयीं,पगडण्डी पर चला तोकदम याद आये,कहानी तुम्हारीसाथ ले आया, किश्मत के रोड़े उठाये न उठे,दिन कब ढलेपता ही न चला,अथक दौड़ मेंफिर मिले ही नहीं,वह जगमगाता उत्साहकहीं मिला तो नहीं,सारी कल्पना सेअभिभूत हो चुका,तुम्हारे नाम कोसंग ले, जी लिया। २. मैंने सबसे पहले तुमसे ही पूछा पाठ्यक्रम का विवरणहवा की ठंडक और तुमने पुष्टि की मेरे