नानी तुमने कभी प्यार किया था - Novels
by महेश रौतेला
in
Hindi Love Stories
तुमने कभी प्यार किया था? यह सुनकर वह अचानक अनुभूतियों में डूब गयी। कुछ देर सोचने के बाद वह बोली हाँ। पहाड़ियों पर बसा कालेज था, एक राजकुमार सा लड़का था। जुलाई का महिना और खूब वर्षा होती थी। ...Read Moreसब एक ढलान पर बने छज्जे पर इकट्ठा थे और उसे परिषद का उपाध्क्ष चुना गया था। वह अपने भाषण में अच्छी-अच्छी बातें कह रहा था।
नानी तुमने कभी प्यार किया था, यह सुनकर वह अचानक अनुभूतियों में डूब गयी। कुछ देर सोचने के बाद वह बोली हाँ।
पहाड़ियों पर बसा कालेज था, एक राजकुमार सा लड़का था। जुलाई का महिना और खूब वर्षा होती ...Read Moreहम सब एक ढलान पर बने छज्जे पर इकट्ठा थे और उसे परिषद का उपाध्क्ष चुना गया था। वह अपने भाषण में अच्छी-अच्छी बातें कह रहा था।
उसने उस दिन की मुलाकात में कहा था,कि वह अपने दोस्त से मिलने इलाहाबाद भी जा रहा है। कल चला जायेगा ।लेकिन वह नहीं गया। वह दूसरे दिन भी मुझसे मिलना चाह रहा था। झील के किनारे-किनारे अपनी सोच ...Read Moreफैलाते आ रहा था। तभी मूसलाधार बारिस होने लगी। वह एक जगह पर खड़ा हो, मेरे हास्टल की ओर देख रहा था। उसे यह प्रलय की बारिस लग रही थी,जो हमारे प्यार को बहा ले जा रही थी। बारिस कम होते ही वह मन्दिर की ओर मुड़ा और मन्दिर में जाकर आगे की बातें ईश्वर पर छोड़ दी। मुझसे मिलने
नानी तुमने कभी प्यार किया था?भाग-३मैं हमेशा उसको सुनना चाहती थी। मेरा सम्बोधन धीरे-धीरे आदरसूचक होने लगा था ।मुझे बहुत से क्षण याद हैं जब उसको देखते ही मेरे कदम रूक जाते थे । उनका लेक्चर , भैतिक रसायन ...Read More, धाराप्रवाह लिये था । वह कण की गति को समीकरण में बाँध रहा था और मैं आवाक हो , उनके स्नेहिल स्वभाव की गति देख रही थी। कण की गति का तरंग और कण के रूप में सुन्दर विवेचना उसने की थी । लेक्चर के बाद, मैं उसे बधाई देना चाहती थी , लेकिन वह अपने साथियों के साथ बाहर आ
नानी तुमने कभी प्यार किया था-४वर्षों बाद उसे अपने पुराने दिन याद आने लगते हैं। अहिल्या की तरह पत्थर बनी बातों को समय जगा देता है। भोर की मंत्र की तरह मैं उसे याद आने लगती हूँ। अपने मन ...Read Moreवह खोलने की कोशिश करता है -तुम्हारी बात का कोई किनारा दबा हुआ है, तुम्हारे पैर का कोई कदम रूका हुआ है, तुम्हारे हाथ का कोई स्पर्श सहमा हुआ है,तुम्हारी मुस्कान का कोई किनारा छूटा हुआ है, तुम्हारे नाम के अक्षर-अक्षर उखड़े हुये हैं,तुम्हारी घर का कोई कोना टूटा हुआ है, तुम्हारी आशा का कोई किनारा दबा हुआ है। वह उस गली में आना चाहता है, जहाँ मैं रहा करती थी।वर्षों पहले
नानी तुमने कभी प्यार किया था भाग-5पीछे मुड़कर देखती हूँ तो जीवन प्यार का , संघर्ष का, लड़ाई का, झगड़े का, सहयोग का, मित्रता का, राग - द्वेष का, जन्म का, मृत्यु का, मिलन- विछोह का मिलाजुला रूप लगता ...Read Moreउसे आवाज नहीं लगा पायी।और वह मेरे सामने से निकल गया।इंटरनेट पर उसकी बात को पढ़ा और आँखें भर आयीं । उसने लिखा था - "शायद, तुमसे अच्छे लोग मिले,तुमसे अद्भुत विचार सुने,तुमसे सुन्दर तन देखा,पर तुम सा कोई शब्द नहीं था।शायद, उनसे ऊँचे शिखर भी देखे,उससे अधिक सौन्दर्य मिला,तबसे अनोखे क्षण भी आये, पर तुम सा कोई नाम नहीं था।तुम से
नानी तुमने कभी प्यार किया था?भाग-6पतझड़ का मौसम था।ठंड दाँत कटकटा रही थी।झील पर मरी छोटी-छोटी मछलियाँ तैर रहीं थीं। जो रात में कड़ाके की ठंड से मर चुकी थीं।वह अपने दोस्त के साथ झील के किनारे बनी सड़क ...Read Moreघूम रहा था।वह सड़क मेरे छात्रावास से लगभग १०० मीटर नीचे से गुजरती थी। दोनों काफी खुश लग रहे थे। विज्ञान के विषयों पर चर्चा कर रहे थे।सड़क के किनारे एक छोटा मन्दिर था, वहाँ पर दोनों ने हाथ जोड़ कर आशीर्वाद लिया।और उसने मेरे छात्रावास की ओर मुड़कर देखा,यह सोचकर कि मैं दिखाई दूँ।मैं नहाकर, धूप में साथियों के
नानी तुमने कभी प्यार किया था? भाग-7 उसकी कुछ रचनाएं मैंने पढ़ी। और बार-बार उन्हें पढ़ती रही।मेरे मन में उसकी साक्षात मूर्ति बनती रही।मुझे लगता था इन रचनाओं के माध्यम से वह मुझे और मैं उसे छू रही हूँ।१."तुम्हारा ...Read Moreमन फिर मिला ही नहीं,तुम्हारी परिछाई फिर दिखी ही नहीं,धूप में गया तोयादें लिपट आयीं,पगडण्डी पर चला तोकदम याद आये,कहानी तुम्हारीसाथ ले आया, किश्मत के रोड़े उठाये न उठे,दिन कब ढलेपता ही न चला,अथक दौड़ मेंफिर मिले ही नहीं,वह जगमगाता उत्साहकहीं मिला तो नहीं,सारी कल्पना सेअभिभूत हो चुका,तुम्हारे नाम कोसंग ले, जी लिया।"२."मैंने सबसे पहले तुमसे ही पूछा पाठ्यक्रम का विवरणहवा की ठंडक और तुमने पुष्टि की मेरे
नानी तुमने कभी प्यार किया था? भाग-8उसने तीन-चार रचनाएं प्रकाशनार्थ भेजी हैं। वह आज के प्रदूषित वातावरण पर लिखता है-"इस प्रदूषण भरे शहर मेंमैंने आज तारों कोटिमटिमाते पायाऔर मैं आश्वसत हुआकि मेरे शहर का प्रदूषणआज कम है,सभ्यता आज उच्चतर ...Read Moreपर है, मेरी यादेंज्वालामुखी की तरह उठ बचपन में पहुँच गयी,जब स्फटिक होता था आकाशऔर तारों तक दृष्टि जापूर्ण हो जाती थी।"इसी के साथ शायद उसे हमारा प्यार बड़े आयाम पर दिखता है और वह इसे व्यक्त करना चाहता है-"जिस जगह परमैंने तुमसे कहा"मैं तुमसे प्यार करता हूँ"वह जगह अब भी सजीव हैअनुभूतियां अब भी वहाँ हैं सिसकती आँखें अब भी वहाँ चमकती हैं, कदम वहाँ
नानी तुमने कभी प्यार किया था?भाग-9फेसबुक पर अपने कालेज, हास्टेल, झील, छोटी-छोटी पगडण्डियों और हरे-भरे पर्यावरण को देख मेरी पुरानी यादें तरोताजा हो गयीं। इसी फोटो के नीचे उसने लिखा था-"जहाँ तकदेख सकता था तुम्हेंदेखा,जहाँ तकजा सकता था तुम्हारे ...Read Moreतकसोच सकता था तुम पर सोचा,जहाँ तकलौट सकता था तुम्हारे लिएलौटा,जहाँ तकपा सकता था तुम्हारा अंदाजचला,जहाँ तकपहुँचा सकता था अपनी बातपहुँचाया,मेरे इस देखने,सोचने,चलने,लौटनेऔर पहुँचाने में, पता नहीं कौन -कौन था?"फिर लिखा था," बीच में जागेश्वर गया था।बहुत सुन्दर जगह है। एक ही जगह पर १२८ छोटे-बड़े मन्दिर हैं। कहा जाता है कि ये मन्दिर कत्यूरी और चन्द राजाओं ने बनवाये थे।पौराणिक मान्यता
नानी तुमने कभी प्यार किया था? भाग-10उसकी मुस्कान को मैं कभी भूल नहीं पाती हूँ।वह कभी आसमान की तरह गहरी होती जहाँ असंख्य नक्षत्र झिलमिलाते दूरी का आभास देते हैं।या उस झील की तरह जिसका पानी हवा से हिलता ...Read Moreमेरे भावों की नावें और मछलियां उसमें तैरती रहती हैं।उसकी लिखी पंक्तियों को में बार-बार पढ़ती हूँ।"तूने मेरे कदमों कोएक अर्थ दिया था,आँखों को कहने काअद्भुत संयोग दिया था।मन बैठ गया था जब तेरे आँगन में,इक आदर का भाव वहीं लेने आया था।तेरी यादों का पताबार-बार पढ़ता हूँ,किये गये वादों सेरूठ नहीं पाता हूँ।तूने मेरे हाथों मेंजो समय रखा था,वह अब भी
नानी तुमने कभी प्यार किया था भाग-११मैं उस दिन उसके ठीक सामने बैठी थी।तब तक उसने मेरे से " मैं तुमसे प्यार करता हूँ।" नहीं कहा था।वह मेरे चेहरे को देख रहा था। शायद मुझे समझने का प्रयास कर ...Read Moreथा।मैं बार-बार उसे देखती और बार -बार नजर हटाती। वह उस दिन अपने गाँव की घटना बता रहा था। कह रहा था।"उस दिन गाँव से दूर, गाँव के तीन परिवार जंगल में अपनी गाय चरा रहे थे।उसी बीच एक चीता एक गाय के बछड़े पर झपटा।ग्वालों ने तुरंत हल्ला मचाना शुरु किया और उनके हल्ले और आक्रमकता को देख चीता बछड़े
नानी तुमने कभी प्यार किया था?भाग-12कहानी जो वह कह न सका।उस दिन उसने अपने प्यार को कहने की ठानी।बातों में वह कह नहीं पा रहा था। अत: उसने लिख कर कहने की सोची। उसने अपनी कापी निकाली और उसके ...Read Moreपन्ने पर लिखा "मैं तुमसे प्यार करता हूँ।" और सोचने लगा उसे आज दूँ या न दूँ। फिर उसे वहीं छोड़ कालेज को निकल गया। दूसरे दिन फिर एक सफेद पन्ना उसने ढ़ूढ़ा और फिर उसमें लिखा," "मैं तुमसे प्यार करता हूँ।" पन्ने के अतिरिक्त भाग को उसने फाड़ दिया और काम के हिस्से को कोट की जेब में रख