बाली का बेटा

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पम्पापुर के राजमहल से बहुत सारे लोग प्रबरसन पर्वत के लिए चल पड़े थे। लक्ष्मण सबसे आगे थे। उनके ठीक पीछे अंगद थे। बाकी लोग उनके पीछे चल रहे थे। यह जुलूस जहां से गुजरता, वहां के लोग झुक-झुककर उन सबको प्रणाम करते और पीछे हट जाते। कुछ ही देर में लोगों का यह झुण्ड नगर की गलियों को पार करता हुआ नगर से बाहर पहुंच गया। अब वे ऐसे मार्ग पर आगे बढ़ रहे थे, जो पहाड़ पर जाता था।