बाली का बेटा (10)

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10 बाली का बेटा बाल उपन्यास राजनारायण बोहरे कुश्ती पांच दिन बाद! सब लोग चलने को तैयार थे बस राम के हुकुम का इंतजार था। दो दिन में राम और जामवंत को बहुत कुछ करना पड़ा। राम ने सुग्रीव को समझाया कि बाली से इतना डरो मत! वह कोई पत्थर की मूर्ति नहीं है, एक साधारण सा आदमी है,