बाली का बेटा (15)

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15 बाली का बेटा बाल उपन्यास राजनारायण बोहरे लंका में हनुमान हनुमान ने कहा… मैंने एक बहुत लम्बी छलांग लगा कर समुद्र का बहुत बड़ा हिस्सा पार कर लिया था और इस लम्बी छलांग के बाद जब मेरा पैर नीचे आने ही वाला था कि मैंने देखा नीचे एक टापू दिख रहा है। मैंने टापू पर पाँव रखा तो लगा कि टापू कुछ हिला है। मैं अचरज में था। अचानक एक वनवासी जाने कहां से मेरे सामने प्रकट हुआ। मैं चौंक गया । वनवासी बहुत अच्छा आदमी था। उसने अपने हाथ में