औरतें रोती नहीं - 15

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औरतें रोती नहीं जयंती रंगनाथन Chapter 15 भटकती नींदों के सहारे पद्मजा: फरवरी 2007 पहली आर ऑनी से मिली, तो लगा एकदम अनजाना चेहरा नहीं है। तीसेक साल का होगा। अच्छी लंबाई, एक आम अरबी की तरह खूब गोरा रंग, जरा सी दाढ़ी, एकदम हरी आंखें। उसने बंद गले की शर्ट पहन रखी थी। जैसे ही उसने मुझसे हाथ मिलाया, तेज खुशबू के झोंके ने मेरे दिमाग की नसों को चौकन्ना कर दिया। इस गंध से बाज क्यों नहीं आते अरब के लोग? ऑनी ने बड़े अदब से अपनी लंबी, महंगी, चमचमाती गाड़ी का दरवाजा खोला। मेरे बैठने के बाद