एक मुट्ठी इश्क़--भाग (६)

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शाहीन का नाम सुनकर सबको तसल्ली हो गई और सब अपनी तलवारों के साथ वहाँ से चले गए,तब मौलवी साहब बोले,बहुत बचें मियाँ, ये सब तो खून के प्यासे थें,चलो चुपचाप जाकर लेट जाओ लेकिन गहरी नींद में मत सोना,क्या पता दूसरी आफत कब आ जाए? जी,सही कह रहे हैं आप,चलिए आप भी आराम कर लीजिए और इतना कहकर इख़लाक़ लेट गया पर आंखों में नींद कहाँ, अपनी मरहूम वीबी को याद करके उसकी आंखे भर आई,अभी चार साल पहले ही तो उसका निकाह हुआ था,बड़ी बहन के ससुराल से उनके किसी रिश्तेदार के यहाँ से रिश्ता आया था,हम