वो भूली दास्तां - भाग-१८

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शादी के लिए विशाल व चांदनी की रजामंदी मिलते ही दोनों परिवारों की खुशी का ठिकाना ना रहा। दोनों ही परिवारों में शादी की तैयारियां होने लगी और 1 महीने के अंदर ही चांदनी, विशाल की दुल्हन बन उसके घर आ गई। विशाल का असीम प्रेम और कल्याणी से मां सा स्नेह पाकर चांदनी का जीवन खुशियों से भर गया था। उसकी मां तो अपनी बेटी को इतना खुश देखकर भगवान को हमेशा शुकराना अदा करते ना थकती थी। विशाल और चांदनी के अथक परिश्रम से उनकी एनजीओ व उनके सामाजिक कार्यों को भी बहुत सराहना मिल रही थी। जिसके