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वो भूली दास्तां - Novels
by Saroj Prajapati
in
Hindi Women Focused
अरे, बिट्टू कब तक सोती रहेगी। 5:00 बज गए हैं शाम के। रश्मि के घर से कई बार तेरे लिए बुलावा आ चुका है। जाना नहीं है उसके मेहंदी पर!" यह सुनते ही बिट्टू झटपट उठ बैठी। " क्या मां तुमने उठाया क्यों नहीं मुझे! अब मैं कब तैयार होऊगी । सुनीता कितना बिगड़ेगी। बाप रे बाप! कैसे करूं सब कुछ इतनी जल्दी!" "कुछ मत कर महारानी बैठ जा! तेरी मां तैयार हो जाएगी तेरे नाम का। उसने ही तुझे सिर पर चढ़ा रखा है। ऊंट जितनी लंबी हो गई है लेकिन अक्ल घुटनों में ही है। " बिट्टू की
अरे, बिट्टू कब तक सोती रहेगी। 5:00 बज गए हैं शाम के। रश्मि के घर से कई बार तेरे लिए बुलावा आ चुका है। जाना नहीं है उसके मेहंदी पर! यह सुनते ही बिट्टू झटपट उठ बैठी। ...Read Moreक्या मां तुमने उठाया क्यों नहीं मुझे! अब मैं कब तैयार होऊगी । सुनीता कितना बिगड़ेगी। बाप रे बाप! कैसे करूं सब कुछ इतनी जल्दी! कुछ मत कर महारानी बैठ जा! तेरी मां तैयार हो जाएगी तेरे नाम का। उसने ही तुझे सिर पर चढ़ा रखा है। ऊंट जितनी लंबी हो गई है लेकिन अक्ल घुटनों में ही है। बिट्टू की
आज रश्मि की शादी थी । शाम होते ही चांदनी ने अपनी मां से कहा "मां मैं रश्मि के घर जा रही हूं । उसे तैयार करवाने पार्लर लेकर जाना है। चाची ने यह जिम्मेदारी मुझे सौंपी है। । ...Read Moreमैं शादी के पंडाल पर मिलूंगी। " "तू यही सूट पहनकर जाएगी क्या शादी में! वह साड़ी नहीं लेकर जाएगी जो तूने कल रात निकाली थी पहनने के लिए!' उसकी मां ने कहा। "अरे मैं तो जल्दी के चक्कर में भूल ही गई थी। सही रहा मां जो आपने याद दिला दिया।" चांदनी ने अपने माथे पर हाथ रखते हुए
चांदनी की मां उसे खाली हाथ देख बोली अरे तुम तो आइसक्रीम लेने गई थी। खाली हाथ ही आ गई और यह मुंह क्यों उतरा हुआ है तेरा! बस कुछ नहीं मां, भीड़ ज्यादा थी ...Read More। वो आइसक्रीम नहीं मिली ना इसलिए मूड खराब हो गया। पता नहीं सभी लोगों को आइसक्रीम आज ही खानी थी क्या! अरे इतनी बड़ी हो गई आइसक्रीम के लिए तेरी जीभ अभी भी उतने ही लप-लपाती है। कोई बात नहीं । अपना मूड सही कर और चल फेरों का समय हो गया। दोनों मां बेटी वहां पहुंच गई। उसकी मां तो बड़ी
आज चांदनी सुबह से ही खुश थी। हो भी क्यों ना कल ही रश्मि आज उससे मिलने जो आ रही थी। पूरे 25 दिन बाद! चांदनी ने सोच लिया था कि वह रश्मि को उस लड़के के बारे ...Read Moreजरूर बताएंगी । दोपहर को जैसे ही रश्मि उससे मिलने पहुंची, चांदनी उसे गले मिलते हुए बोली भूल गई ससुराल जाकर हमें तू तो.! याद नहीं आई! फोन तो कर देती एक। उस दिन भी अपने घर आई और मुझे बताया भी नहीं! अरे, बस कर आते ही एक साथ इतने सारे सवाल दाग दिए तूने तो! जरा बैठने दे सांस
आकाश को जब रश्मि ने चांदनी के दिल का हाल सुनाया तो वह खुश होते हुए बोला "भाभी जी यह खुशखबरी सुनाकर आपने मुझ पर कितना बड़ा अहसान किया है। बता नहीं सकता आपको!" उसकी बात सुन रश्मि ...Read Moreकहा " भैया मैं आपसे एक बात कहना चाहती हूं । जितना इनसे आपके बारे में सुना है कि आप एक अच्छे इंसान हो। अपनी तरफ से अभी मुझे आपको जाने का ज्यादा मौका नहीं मिला लेकिन मैं अपनी सहेली को व उसके परिवार को बचपन से जानती हूं। इसलिए आपसे कहना चाहती हूं कि बहुत ही सीधे सादे लोग हैं