छूना है आसमान - 8

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छूना है आसमान अध्याय 8 रोनित के जिद् करके पूछने पर चेतना एकदम भावुक हो उठी, उसकी आँखों में आँसू भर आये, जिन्हें देखकर रोनित बोला, ‘‘देखा, मुझे मालूम था कि कोई-न-कोई बात जरूर है, वरना तुम इतनी जल्दी हिम्मत हारने वाली लड़की नहीं हो......जरूर तुम्हारी मम्मी ने तुमसे कुछ कहा होगा, क्यों यही बात है न......?’’ चेतना ने एकदम हाँ में अपनी गर्दन हिलायी तो रोनित ने कहा, ‘‘देखा, मुझे तो मालूम था कि कोई-न-कोई गड़बड़ जरूर है। ......क्या कहा तुम्हारी मम्मी ने......?’’ ‘‘जी, कल रात को मैंने पापा को अपना आॅडिषन फाॅर्म दिखाया और कहा, कि इसे कम्पलीट