Chhoona hai Aasman book and story is written by Goodwin Masih in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Chhoona hai Aasman is also popular in Children Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
छूना है आसमान - Novels
by Goodwin Masih
in
Hindi Children Stories
“छूना है आसमान“, बाल उपन्यास कल्पना कम, हकीकत अधिक है। चेतना से मेरा परिचय किसी और नाम से हुआ था। चेतना उम्र में छोटी जरूर थी, लेकिन उसकी समझ, उसकी बातें और उसकी सोच बड़ों से कम नहीं थी।
चेतना ने अपने दर्द, अपनी अकुलाहट को जिस तरह मुझसे साझा किया, उसने मेरे अन्तस को झझकोर दिया। यकीन नहीं हो रहा था कि एक माँ, जिसे पे्रम, स्नेह और ममता की पराकाश्ठा कहा जाता है, वह अपनी बच्ची के साथ दुव्र्यवहार भी कर सकती है।
खैर! चेतना के मन को मैंने टटोला, तो मालूम हुआ, वह कुछ ऐसा करना चाहती है, जिससे वह आत्मनिर्भर हो सके। किसी पर बोझ बनकर न रहे। और उसकी इस सोच ने उसके लिए सफलता के द्वार खोले। उसने अपनी अपंगता को झुठलाया और एक अच्छी सिंगर बनी। चेतना ने ऐसा करके न सिर्फ अपनी मम्मी के नजरिये को बदल डाला, बल्कि अपने जैसे अपंग बच्चों के लिए मिसाल भी कायम की। यही वजह थी, जिसने मुझे ‘‘छूना है आसमान’’ लिखने के लिए प्रेरित किया।
गुडविन मसीह
उपन्यास के बारे में “छूना है आसमान“, बाल उपन्यास कल्पना कम, हकीकत अधिक है। चेतना से मेरा परिचय किसी और नाम से हुआ था। चेतना उम्र में छोटी जरूर थी, लेकिन उसकी समझ, उसकी बातें और उसकी सोच बड़ों ...Read Moreकम नहीं थी। चेतना ने अपने दर्द, अपनी अकुलाहट को जिस तरह मुझसे साझा किया, उसने मेरे अन्तस को झझकोर दिया। यकीन नहीं हो रहा था कि एक माँ, जिसे पे्रम, स्नेह और ममता की पराकाश्ठा कहा जाता है, वह अपनी बच्ची के साथ दुव्र्यवहार भी कर सकती है। खैर! चेतना के मन को मैंने टटोला, तो मालूम हुआ, वह
छूना है आसमान अध्याय 2 खिड़की के पास व्हील चेयर पर बैठी चेतना चेयर पर बैठे-बैठे खूब ऊपर को उछल रही है और जोर-जोर से ताली बजा-बजाकर कह रही है, ‘‘गिर पड़े....षेम......षेम......गिर पड़े......। उछलते-उछलते उसका संतुलन बिगड़ जाता है ...Read Moreवह कुर्सी से नीचे गिर जाती है। गिरते समय उसका हाथ मेज पर रखे काँच के गिलास से टकराता है, तो गिलास नीचे जमीन पर गिरकर टूट जाता है। गिलास के गिरने और टूटने की जोरदार आवाज होती है, उस आवाज को सुनकर उसके मम्मी-पापा व उसकी छोटी बहन अलका एकदम चैंक जाते हैं और जल्दी से उसके कमरे में
छूना है आसमान अध्याय 3 ‘‘दीदी......।’’ अलका ने जोर से कहा, ‘‘अरे अलका तुम......आओ......लगता है आज मम्मी घर में नहीं हैं ?’’ चेतना ने मुस्कुराते हुए कहा। ‘‘हाँ दीदी, आज मम्मी घर पर नहीं हैं वह बाजार गयी हैं, ...Read Moreतो मैं आपके पास आ गयी।’’ ‘‘तुम्हारे हाथ में क्या है अलका......?’’ चेतना ने अलका की बात को नजरअंदाज करते हुए कहा। ‘‘दीदी, मैं तुम्हारे लिये आइसक्रीम लेकर आयी हूँ, लो जल्दी से खा लो।’’ ‘‘नहीं अलका तुम खा लो।’’ ‘‘अच्छा चलो हम दोनों मिलकर खाते हैं।’’ अलका ने कहा। ‘‘हाँ, यह हुई न बात।’’ चेतना ने कहा और दोनों
छूना है आसमान अध्याय 4 रोनित के पूछने पर चेतना ने बताया, ‘‘कल वह पार्क में खेल रहे बच्चों को देखकर उनमें इस कदर खो गयी कि उसे इस बात का जरा भी अहसास नहीं रहा कि वह अपने ...Read Moreपर खड़ी नहीं हो सकती है और न ही चल-फिर सकती है। पार्क में काॅलोनी के बच्चों को खेलते हुए देखकर, वह ऐसा महसूस करने लगी, जैसे वह उन्हीं के साथ खेल रही हो। वह उनके साथ खूब तेज-तेज दौड़ रही हो......काॅलोनी के सारे बच्चे उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे भाग रहे हों। वह कभी इस तरफ भाग रही
छूना है आसमान अध्याय 5 उसी समय भीड़ में से निकलकर एक आदमी ने उससे कहा, ‘‘बेटी, मैं हर साल नये साल पर अपनी कम्पनी की तरफ से लोगों को देने के लिए हजारों कलेण्डर छपवाता हूँ। मेरी हार्दिक ...Read Moreहै कि अब से हर साल मेरे कलेण्डर का डिजाइन और कलाकृतियाँ तुम ही बनाया करो। बदले में तुम जितना पैसा चाहोगी, मैं तुम्हें दूँगा, क्योंकि मैं नहीं चाहता कि तुम अपनी इस खूबसूरत कला को इस तरह रेत या जमीन पर बनाकर बर्बाद करो। उस वीडियो को देखकर चेतना इतनी भावुक हो गयी, इतनी भावुक हो गयी कि खुद